अमेरिकी दूतावास के पास फिर रॉकेट हमले, नहीं हुआ है कोई नुकसान

इराक की राजधानी बगदाद में रविवार तड़के अमेरिकी दूतावास के पास अमेरिकी सैनिकों वाले ठिकाने को निशाना बनाकर कई रॉकेट दागे गए

बगदाद: इराक की राजधानी बगदाद में रविवार तड़के अमेरिकी दूतावास के पास अमेरिकी सैनिकों वाले ठिकाने को निशाना बनाकर कई रॉकेट दागे गए। गठबंधन सेना के प्रवक्ता माइल्स कैगिंस ने कहा, ‘‘गठबंधन सेना पुष्टि करती है कि अंतरराष्ट्रीय जोन में (गठबंधन) सैनिकों वाले ठिकाने पर रॉकेट दागे गए। कोई हताहत नहीं हुआ।’’

यूनियन III बेस में अमेरिकी नेतृत्व वाली गठबंधन सेना का मुख्यालय है। आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट से लड़ने के वास्ते स्थानीय सैनिकों की मदद के लिए अमेरिकी सैनिक 2014 से ही यहां तैनात हैं। इराक की सेना ने कहा कि तीन रॉकेटों ने ग्रीन जोन को निशाना बनाया जहां अमेरिकी दूतावास और यूनियन III सैन्य ठिकाने के साथ ही इराक सरकार की कई इमारतें, संयुक्त राष्ट्र कार्यालय और अन्य दूतावास भी हैं।

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साजो सामान के केंद्र को निशाना बनाया

इराकी सेना ने बताया कि चौथे रॉकेट ने हशद अल शाबी के नियंत्रण वाले साजो सामान के केंद्र को निशाना बनाया। फिलहाल, हशद की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। अमेरिकी और हशद दोनों के ठिकानों पर एक ही समय हमला अप्रत्याशित है क्योंकि वाशिंगटन ने इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमले के लिए सैन्य नेटवर्क के भीतर कट्टरपंथी तत्वों पर दोष मढ़ा है ।

पिछले साल अक्टूबर से अमेरिकी दूतावास या इराक में स्थानीय बलों के साथ तैनात लगभग 5,200 अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाकर किया गया यह 19वां हमला है। इन हमलों की कभी किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली। लेकिन, अमेरिका ने ईरान समर्थित समूह हशद अल-शाबी पर संदेह जताया है।

अमेरिका का एक ठेकेदार मारा गया था

दिसंबर में उत्तरी इराक में एक रॉकेट हमले में अमेरिका का एक ठेकेदार मारा गया था। अमेरिका ने इसके कुछ दिनों बाद पश्चिमी इराक में कट्टरपंथी हशद गुट के खिलाफ हमले किए। बगदाद में अमेरिका के एक ड्रोन हमले में ईरान के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी और उनका दाहिना हाथ माने जाने वाले हशद के उपप्रमुख अबू महदी अल-मुहांदिस मारे गए थे।

हशद गुट ने इन मौतों का बदला लेने की बात कही थी। रविवार के हमले से कुछ घंटों पहले हशद के ईरान समर्थित एक गुट हरकत अल-नुजबा ने देश से अमेरिकी सेना को खदेड़ने के लिए ‘‘उल्टी गिनती’’ शुरू की थी।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

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