रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लेकर एक बार फिर कयास लगाए जा रहे हैं कि वे अगले साल पद से इस्तीफा दे सकते हैं। दरअसल, रूस के राजनीतिक विश्लेषक और पुतिन के आलोचक वैरली सोलोवी ने दावा किया है कि राष्ट्रपति कैंसर से पीड़ित हैं और वे अगले साल राष्ट्रपति से इस्तीफा दे देंगे।
मास्को. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लेकर एक बार फिर कयास लगाए जा रहे हैं कि वे अगले साल पद से इस्तीफा दे सकते हैं। दरअसल, रूस के राजनीतिक विश्लेषक और पुतिन के आलोचक वैरली सोलोवी ने दावा किया है कि राष्ट्रपति कैंसर से पीड़ित हैं और वे अगले साल राष्ट्रपति से इस्तीफा दे देंगे। हालांकि, रूस में कुछ समय पहले एक संविधान संशोधन किया गया था, इसके जरिए पुतिन 2036 तक पद पर आसीन रहने के लिए योग्य हो गए थे।
इससे पहले वैलरी ने दावा किया था कि पुतिन को पार्किंसन्स डिजीज है। लेकिन अब उन्होंने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि पुतिन का स्वास्थ्य खराब है। उन्होंने द सन को बताया, पुतिन दो बीमारियों से जूझ रहे हैं। उन्हें साइको-न्यूरोलॉजिकल परेशानी है और कैंसर भी है।
'फरवरी में हुई थी पुतिन की सर्जरी'
वैलरी ने कहा, अगर किसी को सटीक जानकारी चाहिए, तो वे एक डॉक्टर नहीं हैं। ना ही नैतिक तौर पर उन्हें इस बारे में बोलने का अधिकार है। इससे पहले वैलरी ने दावा किया था कि पुतिन की इस साल फरवरी में सर्जरी हुई है। वैलरी को सितंबर में विपक्षी पार्टी के नेता की गिरफ्तारी का विरोध करने पर हिरासत में भी लिया गया था।
हाल ही में मीडिया में भी खबरें आई थीं, कि पुतिन अगले साल तक पद से इस्तीफा दे देंगे। दरअसल, पुतिन की बीमारी के चलते उनकी बेटियां और गर्लफ्रेंड उनपर इस्तीफा देने का दबाव डाल रही हैं।
किसे मिलेगी रूस की कमान?
पुतिन के इस्तीफे के बाद रूस की कमान कौन संभालेगा, वैलरी ने इस सवाल का जवाब भी दिया। पुतिन के अलावा PM पद से इस्तीफा दे चुके दिमित्री मेदवेदेव और देश के कृषि मंत्री दिमित्री पत्रुशेव भी इस पद के दावेदार हैं। जबकि इस लिस्ट में पुतिन की बेटी कैटरिना का भी नाम शामिल हैं। हालांकि, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने पुतिन के बीमार होने या इस्तीफा देने की अटकलों को खारिज कर दिया।
पुतिन पर दर्ज नहीं होगा कोई केस
हाल ही में रूस के निचले सदन से उस बिल को समर्थन मिला, जिसमें पुतिन और उनके खिलाफ आपराधिक केस नहीं चलाया जा सकेगा, चाहें वे राष्ट्रपति ना रहें। हालांकि, रूस में पुतिन के विरोधी इस कानून पर सवाल उठा रहे हैं।