Russia Internet Shutdown cost : यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस आर्थिक रूप से काफी नुकसान उठा रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन के देशों द्वारा तमाम प्रतिबंधों के अलावा इस देश पर इंटरनेट प्रतिबंधों का बड़ा प्रभाव दिख रहा है। रूस का इंटरनेट बैन अब तक दुनियाभर में हुए इंटरनेट बैन से कहीं अधिक है। चंद हफ्तों के बैन से रूस को 85 अरब रुपए का नुकसान हो चुका है।
नई दिल्ली। यूक्रेन पर हमले (Russia ukraine war) के बाद से रूस को तमाम तरह के आर्थिक प्रतिबंधों और नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच इंटरनेट बैन (Internet shutdown) ने भी रूस को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। पहले इंटरनेट बंद करना और फिर सोशल मीडिया साइटों और न्यूज आउटलेट्स तक पहुंच रोककर रूस ने अब तक 2022 का सबसे बड़ा इंटरनेट शटडाउन किया है। टेक कंपनी TOP 10 VPN की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन पर हमले के बाद से इंटरनेट बंद होने से रूस को 1.21 बिलियन डॉलर (85 अरब रुपए) का नुकसान हुआ है। महज कुछ हफ्तों के शटडाउन (22 मार्च तक 543 घंटे) में 11.3 करोड़ लोग प्रभावित हुए। इस वजह से इसका बड़ा आर्थिक असर दिखाई पड़ रहा है।
रूस से पहले कजाखस्तान में सबसे बड़ा इंटरनेट बैन
अब तक इंटरनेट को प्रभावित करने में कजाखस्तान सबसे आगे रहा है, लेकिन इस बार रूस उससे आगे निकल गया। कजाखस्तान में जनवरी में फ्यूल की बढ़ती कीमतों के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इसके बाद वहां इंटरनेट शटडाउन किया गया, जिससे 430 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था। लेकिन रूस कुछ ही हफ्तों में इस नुकसान से कई गुना आगे निकल गया। सबसे लंबे समय तक इंटरनेट बंद रखने के मामले में म्यांमार सबसे आगे है। यहां 2022 में 3,800 घंटे तक इंटरनेट शटडाउन हो चुका है। हालांकि, यह बांग्लादेश सीमा के पास देश के पश्चिमी हिस्से में हुआ, इस वजह से यह म्यांमार को इतना महंगा नहीं पड़ा। नाइजीरिया ने 2022 की शुरुआत में ट्विटर पर लगा प्रतिबंध हटा लिया, लेकिन जनवरी में इससे 10 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए और 83 मिलियन डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ। इथियोपिया में भी इस साल लगभग 2,000 घंटे के लंबे समय तक इंटरनेट बंद रहा। हालांकि, इसका असर कम लोगों पर पड़ा और सिर्फ 30 मिलियन डॉलर नुकसान का आकलन किया गया।
इंटरनेट बंद करने में भारत का कौन सा नंबर
2021 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा इंटरनेट बंद करने वाले देशों में भारत टॉप-4 देशों में शामिल है। बेलारूस, यमन, म्यांमार और भारत सबसे ज्यादा इंटरनेट बंद करने वाले देश हैं। 2020 में इंटरनेट शटडाउन के हवाले से यह रिपोर्ट बताती है कि भारत में 2020 में 8,927 घंटे इंटरनेट बंद रहा। इससे देश को तकरीबन 20 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
कब बंद किया जाता है इंटरनेट
भारत में इंटरनेट तब बंद किया जाता है, जब उसे किसी घटना विशेष को लेकर शांति व्यवस्था या कानून व्यवस्था बाधित होने की आशंका नजर आती है। 2020 में दिल्ली दंगों, सीएए, एनआरसी के विरोध प्रदर्शनों की हिंसा, राजस्थान में नकल कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश होने और जम्मू-कश्मीर में आतंकी वारदातों के बाद बिगड़े माहौल को शांत रखने के लिए इंटरनेट बैन करने का कदम उठाया जाता है।
किसे है इंटरनेट बैन कराने का अधिकार
इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार केंद्र या राज्य सरकार के गृह मंत्रालय या गृह विभाग स्थिति के हिसाब से ले सकते हैं। सरकार का आदेश मोबाइल फोन कंपनियों तक भेजा जाता है, जिसके बाद कंपनियां संबंधित इलाके में इंटरनेट सेवाएं बंद कर देती हैं।
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इंटरनेट बंद होने से कैसे होता है नुकसान
आज के जमाने में इंटरनेट सबसे ज्यादा जरूरी सेवा हो गया है। शेयर मार्केट हो, बैंक, व्यावसायिक गतिविध या फिर शैक्षणिक गतिविधि, लगभग सभी कुछ इंटरनेट पर ही आधारित है। ऐसे में एक घंटे भी इंटरनेट बंद होने से करोड़ों के बिजनेस ट्रांजेक्शन रुक जाते हैं। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार एक घंटा इंटरनेट बंद होने से भारत में तकरीबन 1,000 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ता है।
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