
Liz Truss Resignation: लिज ट्रस ने ब्रिटेन की प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। नए पीएम के चयन तक वह पद पर बनीं रहेंगी। 45 दिनों में ही पद छोड़ने वाली लिज ट्रस के इस्तीफा के बाद दुनिया की निगाहें अब ब्रिटिश राजनीति पर टिकी है। ब्रिटेन में आर्थिक मोर्च पर मची खलबली और पीएम के इस्तीफा पर रूस ने कहा है कि ब्रिटेन में इस तरह से एक प्रधानमंत्री का अपमान कभी जाना या सुना नहीं गया है। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा कि लिज ट्रस के कार्यकाल को उनकी विनाशकारी अज्ञानता और महारानी एलिजाबेथ के अंतिम संस्कार के रूप में याद किया जाएगा।
पुतिन ने ब्रिटिश पीएम के चयन पर उठाए थे सवाल
बोरिस जॉनसन के इस्तीफा के बाद लिज ट्रस को कंजरवेटिव पार्टी का नेता चुना गया था। सत्ताधारी कंजरवेटिव पार्टी की नेता चुने जाने के बाद लिज ट्रस को महारानी एलिजाबेथ ने परंपरा अनुसार पीएम पद पर मनोनीत किया था। करीब 45 दिनों पहले लिज ट्रस के पीएम बनने के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि जिस तरह से ब्रिटेन अपने नेताओं को चुनता है वह लोकतांत्रिक प्रक्रिया से बहुत दूर है। राष्ट्रपति पुतिन ने इस तथ्य की ओर इशारा किया था कि ब्रिटिश पीएम को पूरे देश द्वारा नहीं बल्कि उनकी कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों द्वारा नेतृत्व मतपत्र में चुना गया था। पुतिन ने कहा था कि ग्रेट ब्रिटेन के लोग सरकार बदलने में हिस्सा नहीं लेते हैं। वहां के शासक अभिजात वर्ग के पास अपनी व्यवस्था है।
ट्रस ने यूक्रेन की मदद को दोगुना करने का किया था ऐलान
पीएम बनने के बाद लिज ट्रस ने अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय यात्रा में संयुक्त राष्ट्र समिट में यूक्रेन की मिलिट्री सहायता राशि को 2.3 बिलियन पाउंड को दुगुना करने का ऐलान किया था। रूस के आक्रमण के बाद पीएम ट्रस ने न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अन्य नेताओं से यूरोप पर रूस की एनर्जी स्ट्रांगहोल्ड को समाप्त करने में मदद की अपील की थी। उन्होंने साफ कहा था कि उर्जा के मामले में यूरोप की रूस पर निर्भरता ने तमाम लोगों को हेरफेर करने की भी अनुमति दी है।
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