Russia के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने खुद को किया आईसोलेट, इनर सर्किल में कोविड-19 पॉजिटिव केस मिले

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के कार्यालय से इसकी पुष्टि की गई है। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 14, 2021 9:28 AM IST / Updated: Sep 14 2021, 03:04 PM IST

क्रेमलिन। रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) सेल्फ आईसोलेशन में जा रहे हैं। उनके आतंरिक सर्किल में कोरोना केसों (Covid-19 cases) की पुष्टि होने के बाद उन्होंने खुद को आईसोलेट कर लिया है। 
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के कार्यालय से इसकी पुष्टि की गई है। 

रूस में गामा वेरिएंट बरपा रहा कहर

कोरोना महामारी को लेकर दुनिया में कई तरह की रिसर्च हो रही है। इंटरफैक्स समाचार एजेंसी के मुताबिक, कोरोना वायरस का गामा वेरिएंट रूस में मिला है। ये सबसे पहले ब्राजील में खोजा गया था। रूस में  कोरोनो वायरस के मामलों में वृद्धि हो रही है। अधिकारियों ने इसके लिए डेल्टा वेरिएंट और वैक्सीनेशन की कम स्पीड को दोषी ठहराया। 

रूस में 4 वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन
रूस में कोरोना के चार वैक्सीन का रजिस्ट्रेसन हुआ है। एपिवैक कोरोना इनमें से दूसरा है। इसे साइबेरिया में वेक्टर इंस्टीट्यूट ने बनाया है। स्पुतनिक वी रूस का सबसे मेन वैक्सीन है। गामा वेरिएंट को ज्यादा खतरनाक बताया गया है। इसके जरिए संक्रमण तेजी से फैलता है और मरीजों की मौत भी तेजी से होती है।

इंटरफैक्स ने कहा कि डेल्टा वेरिएंट रूस में तेजी से फैल रहा है। वहीं गामा वेरिएंट के अलग-अलग मामलों का पता चला है। संस्थान ने कहा कि डेल्टा और गामा वेरिएंट से आने वाले दिनों में मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि ये आसानी से फैलते हैं और एंटीबॉडी की क्षमता को कम कर सकते हैं।  

खतरनाक है डेल्टा वेरिएंट

अमेरिका में डेल्टा वेरिएंट से लोग डरे हुए हैं। जून में यहां डेल्टा वेरिएंट के सिर्फ 10 प्रतिशत केस थे, लेकिन जुलाई में ये बढ़कर 83 प्रतिशत हो गया। हेल्थ मिनिस्ट्री ने इसे डबल म्यूटेंट कहा है।

भारत में वैक्सीन है डेल्टा प्लस वेरिएंट पर प्रभावी

पूरी दुनिया में कोविड-19 के मरीजों में कहर बरपा रहा डेल्टा प्लस का प्रभाव भारतीय वैक्सीन के आगे नहीं के बराबर है। देश में अभी तक केवल 300+ डेल्टा प्लस वेरिएंट के मरीज ही पाए गए हैं। ICMR ने पुष्टि की है कि डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ भारतीय वैक्सीन प्रभावी है। आईसीएमआर के डीजी बलराम भार्गव ने बताया कि डेल्टा प्लस स्वरूप के खिलाफ वैक्सीन की इफेक्टीवनेस की जांच की गयी है। उन्होंने कहा कि डेल्टा प्लस स्वरूप के सामने आने के कुछ महीने हो गए हैं। पहले 60-70 मामले मिले थे, अब डेल्टा प्लस के करीब 300 मामले हैं। उन्होंने कहा कि डेल्टा प्लस के खिलाफ भी वैक्सीन को प्रभावी पाया गया है। कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस स्वरूप की पहचान 11 जून को की गई थी और इसे चिंता पैदा करने वाली श्रेणी में शामिल किया गया था।

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