
लंदन। रूस (Russia) ने यूक्रेन (Ukraine) पर अपने आक्रमण को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (United Nations Human Rights Council) से निलंबित किए जाने पर गुरुवार को खेद जताया। रूस ने कहा कि वह अपनी हितों की रक्षा करना जानता है और इसके लिए हम संकल्पित हैं। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव (Dmitry Peskov) ने ब्रिटेन के स्काई न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "हमें इसके लिए खेद है और हम हर संभव कानूनी साधनों का उपयोग करके अपने हितों की रक्षा करना जारी रखेंगे।"
हमारे लिए यह एक बड़ी त्रासदी
पेसकोव ने कहा कि हमें सैनिकों का महत्वपूर्ण नुकसान हुआ है। और यह हमारे लिए एक बड़ी त्रासदी है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता ने भी यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता के कारणों और पाठ्यक्रम का बचाव किया। उन्होंने तबाह बंदरगाह मारियुपोल के बारे में कहा कि मारियुपोल को राष्ट्रवादी बटालियनों से मुक्त किया जा रहा है। हमें उम्मीद है कि यह जल्द से जल्द होने वाला है।
पेसकोव ने यूक्रेनी शहर बुचा में नरसंहार के आरोपों को एक अच्छी तरह से प्रायोजित आक्षेप के रूप में खारिज कर दिया। उन्होंने यह दावा करते हुए कहा कि सड़कों पर पाए गए शवों को रूसी सैनिकों के वापस होने के बाद रखा गया था। मॉस्को से वीडियो लिंक के जरिए अंग्रेजी में बोलते हुए उन्होंने कहा कि हम नकली और झूठ के दिनों में जी रहे हैं, जिनसे हम हर दिन मिलते हैं। दरअसल, मार्च के अंत में रूस ने कहा कि उसने 1,351 सैनिकों को खो दिया है और 3,825 अन्य घायल हो गए हैं।
यूएन जनरल असेंबली में वोटिंग के बाद सस्पेंशन
दरअसल, संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण और वहां मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ वोटिंग कराई गई। इस वोटिंग के जरिए रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से संस्पेंड कर दिया गया। 93 देशों ने रूस के खिलाफ वोटिंग की है। भारत ने वोटिंग में भाग नहीं लिया।
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