भारत कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहा है। ऐसे में भारत का पुराना रणनीतिक साझेदार रूस मदद के लिए एक बार फिर आगे आया है। रूस अगले दो दिन में स्पुतनिक वी वैक्सीन की अगले दो दिन में 1.5 लाख डोज भेजने जा रहा है।
नई दिल्ली. भारत कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहा है। ऐसे में भारत का पुराना रणनीतिक साझेदार रूस मदद के लिए एक बार फिर आगे आया है। रूस अगले दो दिन में स्पुतनिक वी वैक्सीन की अगले दो दिन में 1.5 लाख डोज भेजने जा रहा है। इसके अलावा मई के आखिरी तक हैदराबाद स्थित रेड्डी लैब में वैक्सीन की 30 लाख डोज पहुंचेंगी। रूस ने स्पुतनिक वैक्सीन के लिए हैदराबाद की फर्म डॉ रेड्डी लैब से डील की है।
रूस जून तक स्पुतनिक वी की 50 लाख खुराक और जुलाई में एक करोड़ से अधिक खुराक भारत भेजने की तैयारी कर रहा है।
भारत आ रहे ऑक्सीजन बनाने वाले चार ट्रक
दिल्ली और मास्को में मौजूद राजनयिकों के मुताबिक, रूस भारत में कम से कम चार ऑक्सीजन उत्पन्न करने वाले ट्रक भेज रहा है। यह ट्रक 200 बेड के अस्पताल की ऑक्सीजन सप्लाई की आपूर्ति कर सकता है। ये ट्रक हर घंटे 70 किग्रा और एक दिन में 50000 लीटर ऑक्सीजन बना सकता है। एक राजनयिक ने कहा, हमने ऐसे चार ट्रक खरीदे हैं और हम और खरीद रहे हैं, ताकि ऑक्सीजन संकट को कम किया जा सके। ये ट्रक इस हफ्ते के आखिरी में रूस के आईएल-76 विमान से भारत आ जाएंगे।
1 मई को वैक्सीन 1.5 डोज पहुंची थीं
रूस की वैक्सीन की पहली खेप 1 मई को भारत आई थी। इसमें 1.5 लाख डोज थे। भारत में 1 मई को ही वैक्सीनेशन की तीसरा चरण शुरू किया था। इसमें 18-44 साल के लोगों को वैक्सीनेशन किया जा रहा है। भारत में रूस की वैक्सीन स्पुतनिक वी को 12 अप्रैल को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी गई थी। यह 90% से ज्यादा असरदार है।
रूस ने भेजा ये सामान
रूस ने दिल्ली के कलावती अस्पताल में 75 वेंटिलेटर, 20 बड़े क्षमता वाले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और मध्य दिल्ली के अस्पताल में 150 बेड के मॉनिटर भेजे थे। इसके अलावा निजी दान के माध्यम से 60 बड़े ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के अलावा रूस ने उत्तर भारत के सभी केंद्रीय एम्स में कोरोनो वायरस के शुरुआती चरणों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली 200,000 गोलियों की आपूर्ति की है।