
मास्को। रूस और यूक्रेन के बीच तनाव (Russia Ukraine Crisis) चरम पर है। अमेरिका का दावा है कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है। इस बीच रूस ने दावा किया है कि यूक्रेन की ओर से उस पर गोले दागे गए। रूस ने कहा है कि यूक्रेन से दागे गए एक गोले से रूस की संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सीमा सुविधा नष्ट हो गई।
रूसी समाचार एजेंसियों ने सुरक्षा सेवा के हवाले से खबर दी है कि 21 फरवरी की सुबह 9:50 बजे यूक्रेन से दागे गए एक अज्ञात गोले ने रूसी-यूक्रेनी सीमा से लगभग 150 मीटर की दूरी पर रोस्तोव क्षेत्र में FSB सीमा रक्षक सेवा द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सीमा सुविधा को पूरी तरह से नष्ट कर दिया।
जो बाइडेन व्लादिमीर पुतिन के साथ करेंगे बात
रूस और यूक्रेन के बीच तनाव कम करने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक शिखर सम्मेलन आयोजित करने के लिए सहमत हो गए हैं। व्हाइट हाउस ने कहा कि फ्रांस द्वारा प्रस्तावित वार्ता तभी होगी जब रूस अपने पड़ोसी पर आक्रमण नहीं करेगा। बैठक यूरोप में दशकों में सबसे खराब सुरक्षा संकटों में से एक के संभावित राजनयिक समाधान की पेशकश कर सकती है।
दरअसल, पश्चिमी देशों को डर है कि हाल के हफ्तों में यूक्रेन के पास रूसी सैनिकों का जमावड़ा यूक्रेन पर हमले के लिए किया गया है। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने चेतावनी दी है कि रूस ने हमला किया तो उसके खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रतिबंध लग जाएंगे। हालांकि रूस आक्रमण की किसी भी योजना से इनकार करता है, लेकिन व्यापक सुरक्षा गारंटी चाहता है।
यूक्रेन पर रूसी हमले की आशंका और यूक्रेन की सीमाओं के आसपास मास्को की सेना के बड़े पैमाने पर जमावड़े को लेकर रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव हफ्तों से बढ़ रहा है। पश्चिमी खुफिया एजेंसियों का दावा है कि करीब 1.6 लाख रूसी सैनिक यूक्रेन पर हमला करने के लिए तैयार हैं। यूक्रेन ने यूरोपीय संघ द्वारा रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की मांग की है ताकि यह दिखाया जा सके कि वह युद्ध को रोकने के लिए गंभीर है। इस बीच, ब्रिटेन के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि रूस "1945 के बाद से यूरोप में सबसे बड़े युद्ध" की योजना बना रहा है।
क्या है मामला?
रूस और यूक्रेन के बीच पिछले काफी समय से विवाद चल रहा है। शीत युद्ध के बाद से यूक्रेन के आसपास सैनिकों की टुकड़ी को यूरोप में सबसे खराब सुरक्षा जोखिम के रूप में देखा जा रहा है। तनाव का मुख्य कारण यूक्रेन का अमेरिकी नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो से करीबी संबंध है। यूक्रेन की कोशिश है कि उसे नाटो में शामिल कर लिया जाए। वहीं, रूस को यह मंजूर नहीं कि यूक्रेन नाटो का सदस्य बन जाए और इस संगठन की सेनाएं उसकी सीमा के करीब पहुंच जाए। रूस इसे अपने लिए खतरे के रूप में देखता है।
यूक्रेन को नाटो का सदस्य बनने से रोकने के लिए रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास एक लाख से अधिक सैनिकों को तैनात किया है। इसके साथ ही उसने बेलारूस और ब्लैक सी में भी सैनिकों का जमावड़ा बढ़ा दिया है। रूस ने अमेरिका से इस बात की गारंटी की मांग की थी कि यूक्रेन को नाटो का सदस्य नहीं बनाया जाएगा। अमेरिका ने ऐसी कोई गारंटी देने से इनकार कर दिया था।
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