
फ्रैंकफर्ट। यूक्रेन पर रूस के हमले (Russia Ukraine War) का आज आठवां दिन है। रूस ने मिसाइलें दागकर और हवाई बमबारी कर यूक्रेन के एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया है। यूक्रेन के सैनिक जैवलिन और स्टिंगर जैसी मिसाइलों से रूसी सेना का मुकाबला कर रहे हैं। यूक्रेनी सैनिक रूस का मुकाबला कर सकें इसके लिए यूरोप के देश उन्हें हथियार दे रहे हैं। इसी क्रम में जर्मनी ने फैसला किया है कि वह यूक्रेन को 2700 एंटी एयर मिसाइल देगा। यह मिसाइल लड़ाकू विमानों को भी निशाना बना सकता है।
सरकारी सूत्र के हवाले से एक न्यूज एजेंसी ने खबर दी है कि रूस के आक्रमण के बाद जर्मनी यूक्रेन को अपने हथियारों की आपूर्ति में वृद्धि करेगा और संघर्ष क्षेत्र में 2700 विमान भेदी मिसाइलें भेज देगा। जर्मनी की सरकार ने यूक्रेन के लिए और समर्थन को मंजूरी दी है, जिसमें स्ट्रेला प्रकार की विमान रोधी मिसाइलों (STRELA type anti aircraft missiles) की डिलीवरी शामिल है। इन मिसाइलों को सोवियत रूस के जमाने में विकसित किया गया था। इसका इस्तेमाल पहले कम्युनिस्ट पूर्वी जर्मनी की सेना करती थी।
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सरकार ने बुधवार को कहा कि जर्मनी की पहली हथियारों की खेप 1,000 टैंक रोधी और 500 अन्य विमान भेदी मिसाइलों को पहले ही मोर्चे पर भेज दिया गया है। यह कदम जर्मनी द्वारा संघर्ष क्षेत्रों में हथियार नहीं भेजने की अपनी लंबे समय से चली आ रही नीति को उलटने के बाद आया। शनिवार को जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने माना था कि रूसी आक्रमण "इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़" का प्रतिनिधित्व करता है, जिसने जर्मनी को अपनी प्राथमिकताओं पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया।
अपने सैन्य बलों को मजबूत करने में जर्मनी खर्च करेगा 100 अरब यूरो
इसके साथ ही जर्मनी ने रूसी खतरे का सामना करने के लिए अपने स्वयं के सशस्त्र बलों को मजबूत करने के लिए 100 अरब यूरो का निवेश करने का फैसला किया है। सरकार ने शनिवार को तीसरे देशों से यूक्रेन को जर्मन निर्मित हथियारों की डिलीवरी को भी मंजूरी दे दी, जिसमें नीदरलैंड द्वारा भेजे गए 400 एंटी टैंक रॉकेट लॉन्चर भी शामिल हैं। संघर्ष बढ़ने से पहले जर्मनी ने केवल हेलमेट देने का वादा किया था और यूक्रेन में एक फील्ड अस्पताल बनाने में मदद करने की पेशकश की थी।
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