वर्ल्ड न्यूज डेस्क. युद्ध में सबकुछ ठप हो जाता है, लेकिन किचन बंद नहीं होते। यह कहानी भी यूक्रेन की राजधानी कीव(Kyiv) के सेंट्रल में स्थित ऐसे ही रेस्तरां(restaurant) की है, जो हमेशा लोगों से भरा रहता था। लेकिन अब यह रेस्तरां अस्पतालों के लिए रोटियां बना रहा है। चिकन सूप बना रहा है। युद्ध ने ऐसा किया है।
वर्ल्ड न्यूज डेस्क. युद्ध में सबकुछ ठप हो जाता है, लेकिन किचन बंद नहीं होते। यह कहानी भी यूक्रेन की राजधानी कीव(Kyiv) के सेंट्रल में स्थित ऐसे ही रेस्तरां(restaurant) की है, जो हमेशा लोगों से भरा रहता था। चाहे दिन का कोई भी समय हो। यह रेस्तरां क्रियेटिव यूथ और विदेशियों(creative youth and foreigners) के बीच काफी लोकप्रिय जगह थी। यहां का प्रचलित खान-पान बीफ बौर्गुइग्नन और कीव मुले कॉकटेल(Beef Bourguignon and Kyiv Mule cocktails) परोसा जाता था। दोनों वहां के लोकप्रिय खाद पदार्थ और पेय हैं। लेकिन अब यह रेस्तरां अस्पतालों के लिए रोटियां बना रहा है। चिकन सूप बना रहा है। युद्ध ने ऐसा किया है।
About a unique restaurant in Ukraine: वॉलिंटियर्स ने संभाला किचन
यह रेस्तरां यूक्रेन के दर्जनों में से एक है, जो अब ग्राहकों के लिए बंद है। अब इसका किचन देश की मदद के लिए स्वयंसेवक(volunteers) संभाल रहे हैं। यह अलग बात है कि इसका डेकोरेशन गायब हो गया है। खिड़कियां काले कपड़ों से ढंकी हुई हैं। लेकिन युद्ध से पहले की ही तरह यह रेस्तरां यहां के युवाओं को चुंबक की तरह अपनी ओर खींच रहा है। अब ये युवा जरूरतमंदों के लिए खाना बनाने आते हैं।
फिर से कुक का काम शुरू किया
25 वर्षीय पावलो ख्रोबस्ट(Pavlo Khrobust) एक अन्य रेस्तरां में कुक थे। कुछ समय पहले उन्होंने यह जॉब छोड़ दी थी। लेकिन युद्ध के चलते अब वे इस रेस्तरां में एक वॉलिंटियर के रूप में सेवाएं देने आ रहे हैं। पावलो ने कहा-"सबसे पहले मैं क्षेत्रीय रक्षा बलों में शामिल होना चाहता था। फिर मुझे एहसास हुआ कि मैं वहां बेकार हूं। मैं सोचने लगा कि मैं किस काम का हो सकता हूं? अब यहां हूं। मैंने मशीनगर की जगह करछुल और चाकू पकड़ा।"
जो सामान मिला, उसका उपयोग किया
21 साल के ओलेक्सी बिलीक(Oleksiy Bilyk) यहां ताजी बेक्ड ब्रेड को अंतिम रूप देते हैं। यहां बेकिंग फार्म्स नहीं थे। इसलिए ये लोग प्लेट और बर्तन का इस्तेमाल करते हैं। बिलिक एक दिन में करीब 80 रोटियां बेक करते हैं, जिसकी कुछ हफ्ते पहले उसने कल्पना भी नहीं की थी। युद्ध शुरू होने से पहले उसने कभी बेक नहीं किया। बिलीक भी सेना में जाना चाहते थे, लेकिन डॉक्यूमेंट्स अधूरे होने से उनकी यह ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी। अब वे दूसरे तरीके से देश की सेवा करके खुश हैं। युद्ध के बीच यह रेस्तरां यूक्रेनी नागरिकों और सेना की मदद के लिए रोज 20000 लंच पैकेट तैयार करता है।
19 दिन हुए युद्ध को
बता दें कि 14 मार्च को युद्ध का 19वां दिन है। इस भीषण लड़ाई का असर दुनियाभर पर दिखाई देगा। संयुक्त राष्ट्र(UN officials) के अधिकारियों के अनुसार, यूक्रेन के भीतर अनुमानित 1.9 मिलियन लोग विस्थापित हुए हैं, जो रूस के आक्रमण के बाद देश छोड़कर भाग गए 2.3 मिलियन से अधिक हैं। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक(Stephane Dujarric) ने कहा कि आंतरिक रूप से विस्थापित अधिकांश लोग पश्चिम की ओर लल्विव( Lviv) की ओर बढ़ रहे हैं। मानवीय स्थिति खतरनाक गति से बिगड़ती जा रही है।
यह न्यूज kyivindependent.com पर अन्ना माय्रोनियुक- Anna Myroniuk) ने लिखी है। इसमें सुरक्षा कारणों से रेस्तरां के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। अन्ना एडिटोरियल स्ट्रेटेजी की हेड हैं। एना ने सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ़ लंदन से इन्वेस्टिगेशन जर्नलिज्म में मास्टर्स डिग्री की है।