सबसे बड़े हमले की इनसाइड कहानीः 6000 किमी अंदर कैसे घुसा यूक्रेन, रूस के 40 से ज्यादा विमानों को किया राख

Published : Jun 02, 2025, 11:43 AM ISTUpdated : Jun 02, 2025, 12:08 PM IST
Ukraine drone attack

सार

यूक्रेन ने रूस पर अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया, 40 से अधिक विमान नष्ट कर दिए। यह हमला रूस के अंदरूनी इलाकों में स्थित एयरबेस पर किया गया, जिसमें परमाणु हमला करने में सक्षम बॉम्बर विमान भी शामिल थे।

Russia Ukraine war: रूस और यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई में रविवार को बेहद अहम दिन रहा। यूक्रेन ने रूस पर अब तक का सबसे भीषण हमला किया। ड्रोन अटैक कर रूस के 40 से अधिक विमानों को नष्ट कर दिया। इनमें परमाणु हमला करने में सक्षम बॉम्बर विमान भी शामिल हैं।

यूक्रेन ने रूस में हजारों किलोमीटर घुसकर यह हमला किया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने इसे "शानदार ऑपरेशन" बताया है। कहा है कि इसकी तैयारी करीब 18 महीने से चल रही थी। इस हमले में 117 ड्रोन इस्तेमाल किए गए। जेलेंस्की ने कहा, "आज एक शानदार ऑपरेशन किया गया। दुश्मन के इलाके में घुसकर सिर्फ सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। इन हथियारों का इस्तेमाल यूक्रेन पर हमला करने के लिए किया जा रहा था। रूस को काफी नुकसान उठाना पड़ा है।"

यूक्रेन के राष्ट्रपति ने दावा किया कि इस ऑपरेशन का समन्वय रूस की खुफिया और सुरक्षा एजेंसी FSB के स्थानीय मुख्यालय के बगल में स्थित ऑफिस से किया गया था। उन्होंने कहा, "इस ऑपरेशन में 117 ड्रोन इस्तेमाल किए गए। 117 ड्रोन ऑपरेटर शामिल थे। एयर बेस पर रखे गए 34% सामरिक क्रूज मिसाइल कैरियर (बॉम्बर विमान) पर हमला किया गया। हमारे लोग कई रूसी क्षेत्रों में काम करते थे। वे तीन अलग-अलग टाइम जोन में थे। जिन लोगों ने हमारी सहायता की, उन्हें ऑपरेशन से पहले रूसी क्षेत्र से हटा लिया गया। वे अब सुरक्षित हैं।"

 

 

यूक्रेन ने 6000 km अंदर घुसकर कैसे किया ड्रोन अटैक

आकार, पैमाने और जटिलता के मामले में यूक्रेन ने दुनिया के सबसे बड़े हमलों में से एक को अंजाम दिया है। उसने रूस के ओलेन्या, मरमंस्क और इरकुत्स्क, साइबेरिया में दो हवाई ठिकानों पर हमला किया। ये ठिकाने 6000 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर थे। यूक्रेन के ड्रोन का रेंज इतना अधिक नहीं है कि उड़कर यहां तक जा सके। इसके लिए ड्रोन को पहले छिपाकर टारगेट के पास ले जाया गया।

 

 

इसके लिए ड्रोन को कंटेनर ट्रक में छिपाकर टारगेट के पास के इलाके तक ले जाया गया। उन्हें लकड़ी के शेड की छतों के अंदर छिपाया गया। ये ड्रोन जमीन से सीधे आसमान की ओर उड़ने में सक्षम थे। हमला करने से पहले शेड की छतों को दूर से हटाया गया। इसके बाद ड्रोन को झुंड में उड़ाया गया। रूस ने इतने अंदरुनी इलाके में स्थित एयर बेस पर एयर डिफेंस के पुख्ता इंतजाम नहीं किए थे। इसके चलते यूक्रेन उसके रणनीतिक बमवर्षकों को तबाह कर सका।

 

 

यूक्रेनी सुरक्षा अधिकारी के अनुसार इस ऑपरेशन का कोड नाम 'स्पाइडर्स वेब' था। इस दौरान चार रूसी एयरबेसों को निशाना बनाया गया। यह यूक्रेन द्वारा अब तक किया गया सबसे गहरा ड्रोन हमला था। मिशन की निगरानी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और यूक्रेन की घरेलू खुफिया एजेंसी एसबीयू के प्रमुख वसील मालियुक ने की।

रूस के इरकुत्स्क क्षेत्र में बेलाया एयर बेस अग्रिम मोर्चे से 4,300 किलोमीटर से अधिक दूर है। यह मुख्य टारगेट में से एक था। इस बेस में Tu-22M सुपरसोनिक बमवर्षक हैं। इनका इस्तेमाल यूक्रेनी बुनियादी ढांचे पर मिसाइल हमलों में बड़े पैमाने पर किया जाता है।

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