रूस यूक्रेन के बीच जारी जंग (Russia Ukraine War) में रूस के भाड़े के सैनिक भी हिस्सा ले रहे हैं। द टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार 400 से अधिक भाड़े के रूसी सैनिक यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की और उनके कैबिनेट के मंत्रियों की हत्या करने आए हैं।
कीव। रूस यूक्रेन के बीच जारी जंग (Russia Ukraine War) में रूस के भाड़े के सैनिक भी हिस्सा ले रहे हैं। द टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार 400 से अधिक भाड़े के रूसी सैनिक यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) और उनके कैबिनेट के मंत्रियों की हत्या करने आए हैं। ये सैनिक निजी मिलिशिया वैगनर ग्रुप के लिए काम करते हैं। आधिकारिक रूप से ये रूसी सरकार के लिए काम नहीं करते। ये सेना की वर्दी नहीं पहनते और आम लोगों के बीच छिपकर हमले करते हैं।
कौन है वैगनर ग्रुप?
वैगनर ग्रुप एक निजी मिलिशिया है। इसका काम पैसे लेकर भाड़े के सैनिक देना है। इस ग्रुप के लड़ाके अपनी बेदर्दी के चलते दुनियाभर में बदनाम हैं। इसमें अधिकतर लड़ाके रूसी सेना में काम कर चुके सैनिक हैं। अच्छी तरह ट्रेन्ड किए गए ये लड़ाके रूस के लिए उन जगहों पर जंग लड़ते हैं जहां रूस प्रत्यक्ष रूप से अपनी सेना नहीं भेज सकता।
वैगनर समूह की स्थापना कथित तौर पर दिमित्री उत्किन द्वारा की गई थी। वह एक पूर्व विशेष बल कर्नल और चेचन्या में दो युद्धों के अनुभवी थे। दिमित्री उत्किन एडॉल्फ हिटलर को अपना आदर्श मानता था। उसने समूह का नाम हिटलर के पसंदीदा ओपेरा संगीतकार रिचर्ड वैगनर के नाम पर रखा था। माना जाता है कि इस समूह का मालिक येवगेनी प्रिगोझिन है। प्रिगोझिन को पुतिन के रसोइये के रूप में भी जाना जाता है। उसका पुतिन के साथ करीबी संबंध है। उनके पास रेस्तरां और खानपान कंपनियां हैं। हालांकि यह भी कहा जाता है कि वह सिर्फ एक मुखौटा है।
येवगेनी प्रिगोझिन
पैसे के लिए तानाशाहों और सरकारों के लिए काम करता है वैगनर ग्रुप
वैगनर ग्रुप पैसा लेकर तानाशाहों और सरकारों को किराये के सैनिक मुहैया करता है। वैगनर ग्रुप का नाम पहली बार 2014 में चर्चा में आया था। क्रिमिया पर कब्जे के दौरान इस ग्रुप ने रूसी सेना की मदद की थी। इसके बाद से वैगनर का नाम मोजांबिक, लीबिया, सीरिया, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, माली, सुडान और मेडागास्कर जैसे देशों में सामने आया। इनमें से कुछ देश सिविल वार से जूझ रहे हैं, जबकि कुछ देशों में अस्थिरता है। वैगनर ग्रुप इन देशों में लड़ाके और ट्रेनर भेजकर एक पक्ष की मदद करता है। बदले में पैसा लेता है। कुछ मामलों में तेल, सोना और हीरे के खदानों को लेकर भी डील हुई है।
2017 में वैगनर ग्रुप का नाम सीरियाई सेना के एक भगोड़े के साथ बर्बरता करने और उसका सिर काटने की घटना में आया था। इस ग्रुप का नाम मध्य अफ्रीकी गणराज्य में व्यापक बलात्कार और डकैती की घटनाओं भी आया था। सीरिया में यह ग्रुप सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के लिए काम कर रहा था। रिपोर्टों के अनुसार 2018 में सीरिया में अमेरिकी नेतृत्व वाली गठबंधन सेना ने वैगनर से जुड़े 300 लड़ाकों को मार डाला था।
रूस करता है वैगनर ग्रुप होने से इनकार
वैगनर ग्रुप के अधिकतर लड़ाके पूर्व रूसी सैनिक हैं। यह ग्रुप दुनिया के कुछ सबसे खूनी संघर्षों में शामिल है, जिसमें रूस का हित है। वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि रूसी सरकार ने वैगनर और अन्य निजी सैन्य कंपनियों को राज्य सैन्य बलों की दृश्यता और घुसपैठ के बिना विदेशों में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए उपयोगी पाया है।
कहा जाता है कि वैगनर ग्रुप का सीधा संबंध रूसी सत्ता प्रतिष्ठान क्रेमलिन से है। हालांकि इससे रूस इनकार करता है। रूस में निजी सेना बनाना प्रतिबंधित है। यह ग्रुप कागज पर मौजूद नहीं है। वैगनर ग्रुप की मदद से रूस उन ऑपरेशन को अंजाम देता है, जिसे वह सार्वजनिक रूप नहीं कर सकता। इस ग्रुप के चलते कोई आरोप लगते हैं तो रूस इसके होने से साफ-साफ इनकार कर देता है। वैगनर ग्रुप के लड़ाके मारे जाते हैं तो रूस की सरकार उनकी जिम्मेदारी नहीं लेती।
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जिंदा नहीं बचता जांच करने वाला
जुलाई 2018 में रूस के तीन पत्रकार सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक के दौरे पर गए थे। उन्हें वहां रूसी प्राइवेट मिलिट्री कॉन्ट्रैक्टर की भूमिका पर डॉक्यूमेंट्री बनानी थी। ये लोग राजधानी बांगी पहुंचे तभी से इनकी जासूसी शुरू हो गई। राजधानी से बाहर निकलने के बाद तीनों की हत्या कर दी गई। घटना की जांच में बैगनर ग्रुप का नाम सामने आया। पत्रकार जिनपर डॉक्यूमेंट्री बनाने आए थे उन्हीं लोगों ने उनकी हत्या कर दी।
इसी तरह अप्रैल 2018 में मैक्सिम बोरोदिन नाम के एक रिपोर्टर सीरिया में वैगनर ग्रुप के लड़ाकों की मौत की रिपोर्टिंग कर रहे थे। उन्होंने बैगनर ग्रुप और रूसी सत्ता प्रतिष्ठान क्रेमलिन के बीच संबंधों को भी उजागर किया था। 15 अप्रैल 2018 को बोरोदिन अपने घर की बालकनी से अचानक गिर गए, जिससे उनकी मौत हो गई। रूसी अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने आत्महत्या की है। बोरोदिन के परिजनों ने इससे इनकार किया। कहा जाता है कि जिस किसी ने भी बैगनर ग्रुप के रहस्यों से पर्दा उठाने की कोशिश की वह जिंदा नहीं बचा।
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