सिंगापुर की लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दोनों आरोपियों को गांजा तस्करी से जुड़े होने की शक में अरेस्ट किया गया था। पुलिस की पूछताछ में तस्करी में संलिप्तता और ड्रग्स के बारे में जानकारी होने से इनकार किया था।
सिंगापुर। भारतीय मूल (Indian Origin) के दो लोगों को सिंगापुर (Singapore) की सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सजा-ए-मौत दी है। सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने निचली अदालत की सजा का बरकरार रखा है। दोनों पर गांजा तस्करी का आरोप लगा है। अदालत ने दोनों शख्स को गांजा तस्करी की साजिश का दोषी पाया गया है।
दो लोगों को गांजा तस्करी में किया गया था अरेस्ट
सिंगापुर की लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दोनों आरोपियों को गांजा तस्करी से जुड़े होने की शक में अरेस्ट किया गया था। पुलिस की पूछताछ में मलेशिया (Malaysia) के कमलनाथन मुनिअंडी (27) और सिंगापुर (Singapore) के चंद्रू सुब्रमणियम (52) ने तस्करी में संलिप्तता और ड्रग्स के बारे में जानकारी होने से इनकार किया था।
प्रविनाश चंद्रन की अपील भी अदालत ने की खारिज
कोर्ट ऑफ अपील ने शुक्रवार को केस में शामिल एक तीसरे शख्स की भी याचिका भी खारिज कर दी है। भारतीय मूल के ही मलेशियाई नागरिक प्रविनाश चंद्रन को भी ड्रग्स तस्करी के आरोप में अरेस्ट किया गया था। प्रविनाश को उम्रकैद और 15 बेंत मारने की सजा अदालत ने सुनाई थी। हाई कोर्ट ने पाया था कि प्रविनाश (26) ने केवल ड्रग्स पहुंचाने का काम किया था। अभियोजन पक्ष ने प्रमाणित किया था कि उसने मादक पदार्थों की तस्करी गतिविधियों को बाधित करने में मदद की थी।
पांच साल पुराना है मामला
5 मार्च 2016 को कमलनाथन और प्रविनाश, वुडलैंड्स चेकपॉइंट के जरिए सिंगापुर आए थे। बताया जा रहा है कि जब वे करांजी एमआरटी (रेल) स्टेशन आए, किसी माध्यम से ड्रग्स उनके झोले में रख दिया गया था। इसके बाद दोनों पास के एक कॉफी शॉप में गए जहां कमलनाथन ने सुरेन नाम के एक शख्स को बुलाया। इसके बाद वे करांजी रोड गए जहां उन्होंने चंद्रू से संपर्क स्थापित किया, जिसने उन्हें पैसे और खाली प्लास्टिक बैग दिए। तीनों को सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो के अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया था।
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