26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा का भारत प्रत्यर्पण टला, जानें क्यों?

Published : Feb 15, 2025, 11:00 PM IST
tahawwur hussain rana

सार

तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी के साथ ऐलान किया था। हालांकि, अब वह टलता नजर आ रहा है।

Tahawwur Rana extradition: 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले (26/11 Mumbai Attacks) के आरोपी तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) का भारत प्रत्यर्पण (Extradition to India) एक बार फिर टल सकता है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट (US Supreme Court)में राणा ने अब एक अंतिम अपील दायर कर दी है जिससे उसकी भारत वापसी में ग्रहण लगता दिख रहा है। तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी के साथ ऐलान किया था। हालांकि, अब वह टलता नजर आ रहा है।

अमेरिका में अंतिम अपील दायर

तहव्वुर राणा ने मानवीय आधार (Humanitarian Grounds) पर एक अंतिम अपील दायर की है। इससे पहले अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उनकी पुनर्विचार याचिका (Review Petition) खारिज कर दी थी, जिससे भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया था। हालांकि, नई अपील से इस प्रक्रिया में देरी की संभावना जताई जा रही है। 

राणा कनाडाई नागरिक (Canadian National) हैं और पाकिस्तानी मूल (Pakistani Origin) का है। राणा पहले पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) में डॉक्टर के रूप में काम कर चुका है। 2011 में अमेरिकी कोर्ट (US Court) ने उन्हें लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) को सहायता देने का दोषी ठहराया था।

ट्रंप ने की थी प्रत्यर्पण की घोषणा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के दौरे के दौरान इस प्रत्यर्पण को मंजूरी देने की घोषणा की थी। ट्रंप ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था: आज मैं यह घोषणा करते हुए प्रसन्न हूं कि मेरी सरकार ने 2008 मुंबई आतंकी हमले (Mumbai Terror Attack) के एक षड्यंत्रकारी और दुनिया के सबसे खतरनाक अपराधियों में से एक तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। वह भारत में न्याय का सामना करेगा।

ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका (India-US) पहले से कहीं अधिक मज़बूती से "रैडिकल इस्लामिक टेरर" (Radical Islamic Terror) से निपटने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे।

क्या है तहव्वुर राणा की भूमिका?

26/11 हमले का मास्टरमाइंड और पाकिस्तानी-अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली (David Coleman Headley) ने तहव्वुर राणा के खिलाफ गवाही दी थी। हेडली ने अमेरिकी जांच एजेंसियों को बताया था कि 2007 से 2008 के बीच वह पांच बार भारत आया था और मुंबई में कई स्थानों की रेकी (Recce) की थी। हेडली ने यह भी स्वीकार किया था कि उसने भारत के लिए पांच साल का वीज़ा (Visa) तहव्वुर राणा की मदद से हासिल किया था और राणा ने उसे एक इमिग्रेशन कंपनी (Immigration Company) खोलने में भी मदद की थी ताकि उसकी पहचान छिपी रहे।

2011 में क्या हुआ था?

2011 में एक अमेरिकी अदालत ने तहव्वुर राणा को मुंबई हमलों (Mumbai Attacks) में सीधे शामिल होने के आरोप से बरी कर दिया था लेकिन उसे लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) को सहायता देने और डेनमार्क में एक आतंकी साजिश (Terror Plot in Denmark) में मदद करने का दोषी पाया था।

अब क्या होगा आगे?

राणा की अपील पर सुनवाई पूरी होने के बाद ही प्रत्यर्पण की अगली तारीख तय होगी। अगर अमेरिकी कोर्ट इस अपील को खारिज कर देता है तो उसे जल्द ही भारत लाया जा सकता है। भारत में उस पर आतंकवाद (Terrorism) से जुड़े कई गंभीर मामलों में मुकदमा चलाया जाएगा।

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