तेहरान विमान क्रैशः कनाडा और ब्रिटेन ने कहा, मिसाइल से हुआ हादसा; ईरान ने मांगा सबूत

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और ब्रिटिश प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन ने यह दावा किया है कि क्रैश हुआ विमान ईरान की ही मिसाइल से गिरा था। वहीं, ईरान ने इस बात से इंकार करते हुए सबूत मांगा है। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 10, 2020 3:42 AM IST

तेहरान. तेहरान एयरपोर्ट पर बुधवार को दुर्घटनाग्रस्त हुआ विमान को लेकर नए नए खुलासे हो रहे है। ताजा जानकारी के मुताबिक दावा किया गया है कि क्रैश हुआ विमान ईरान की ही मिसाइल से गिरा था। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और ब्रिटिश प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन ने यह दावा किया है। ट्रूडो ने कहा कि उन्हें खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली है, उससे पता चलता है कि यूक्रेन एयरलाइन का विमान तेहरान से टेकऑफ करने के ठीक बाद किसी सर्फेस-टू-एयर मिसाइल से टकरा कर गिरा था।

176 लोगों की हुई थी मौत 

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मीडिया से बातचीत के दौरान ट्रूडो ने कहा- हो सकता है यह जानबूझकर न किया गया हो। लेकिन कनाडाई नागरिकों के कुछ सवाल हैं और उनका जवाब दिया जाना जरूरी है। यूक्रेन एयरलाइन का जो विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, उसमें 176 लोगों की मौत हुई थी। इसमें 63 कनाडाई नागरिक शामिल थे। इसके अलावा 82 ईरानी, 11 यूक्रेनी, 10 स्वीडन और जर्मनी-ब्रिटेन के 3-3 नागरिक भी दुर्घटना में मारे गए थे। 

अमेरिका ने जताई थी आशंका, ब्रिटेन ने भी किया दावा 

दूसरी तरफ ब्रिटिश प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन ने कहा कि इस बात के कई सबूत हैं कि यूक्रेन एयरलाइन का विमान ईरान की एक सर्फेस-टू-एयर मिसाइल लगने से गिरा। उन्होंने कहा, “हो सकता है कि यह गलती से हुआ हो। लेकिन ब्रिटेन लगातार सभी पक्षों से पश्चिमी एशिया में तनाव दूर करने की अपील करता है।” इससे पहले अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को अफसरों के साथ बैठक में आशंका जताई थी कि यूक्रेन का बोइंग-737 ईरानी मिसाइल लगने से ही गिरा है। 

ईरान ने किया इंकार, मांगा सबूत 

कनाडा और ब्रिटेन के इस इस दावे पर ईरान ने सबूत मांगे हैं। ईरानी सरकार ने कहा कि विमान से मिसाइल लगने की बात बेतुकी है, क्योंकि उस वक्त कई अन्य घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विमान उसी हवाई क्षेत्र में उड़ान भर रहे थे। ऐसा लगता है यह सारी रिपोर्ट्स ईरान के खिलाफ मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़ने के लिए है। जिन भी देशों के नागरिक प्लेन क्रैश में मारे गए, वे अपना प्रतिनिधि भेज सकते हैं। हम बोइंग से अपील करते हैं कि वह ब्लैक बॉक्स की जांच के लिए आएं। 

जांच के लिए नोटिफिकेशन मिला 

इसी बीच अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड ने कहा कि उसे ईरान की तरफ से विमान हादसे की जांच के लिए नोटिफिकेशन मिला है। दरअसल, बोइंग 737-800 का निर्माण अमेरिकी कंपनी बोइंग ही करती है। अंतरराष्ट्रीय नियमों के मुताबिक, अगर कोई देश चाहे तो हादसे की जानकारी निकालने के लिए विमान निर्माता कंपनी को बुला सकता है। एनटीएसबी ने कहा कि वह जल्द ही अपने एक अफसर को क्रैश की जांच के लिए भेजेगी। हम अभी हादसे के कारण के बारे में अंदाजा नहीं लगाएंगे।

पायलटों में कोई कमी नहीं 

यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइंस (यूआईए) ने तकनीकी खामी को मानने से साफ इनकार कर दिया है। एयरलाइंस के वाइस प्रेसिडेंट इहोर सोंस्नोव्स्की ने कहा कि इसकी आशंका ही नहीं है कि हादसा किसी तकनीकी गड़बड़ी के चलते हुआ। सोंस्नोव्स्की ने यह भी कहा, “तेहरान एयरपोर्ट भी सामान्य हवाईअड्डों की तरह ही है। हम कई साल से वहां से विमान संचालन कर रहे हैं। पायलटों के पास किसी भी आपातकालीन चुनौती से निपटने की क्षमता थी। हमारे रिकॉर्ड्स बताते हैं कि विमान 2400 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था। क्रू के अनुभव के लिहाज से गड़बड़ी काफी छोटी रही होगी। हम तो उसे महज इत्तेफाक भी नहीं मान सकते।”

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