
काहिरा. मिस्त्र की स्वेज नहर में पिछले 6 दिन से फंसा मालवाहक जहाज सोमवार को हटा दिया गया। यह जहाज चीन से नीदरलैंड्स के पोर्ट रोटेरडम डा रहा था। तभी यह स्वेज नहर में फंस गया। इसके बाद नहर में जाम लग गया था और इसमें 367 जहाज फंस गए थे। इन जहाजों में क्रूड ऑयल से लेकर मवेशियों के खाने तक का सामान जा रहा था।
कैसे फंसा था जहाज?
इस मालवाहक जहाज का नाम एमवी एवर गिवेन है। यह 400मी लंबा और 59मी चौड़ा है। यह दुनिया का सबसे बड़ा मालवाहक जहाज है। बताया जा रहा है कि जहाज जब नीदरलैंड्स जा रहा था, तभी रास्ते में घूमने की वजह से अटक गया था और वहीं फंस गया। समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, जहाज तेज हवा की वजह से घूमा था। स्वेज नहर से हर दिन करीब 50 जहाज निकलते हैं।
कैसे निकला जहाज?
एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस जहाज को निकालने के लिए टगबोट्स की मदद ली गई। टगबोट्स का इस्तेमाल जहाज खींचने के लिए किया जाता है। इस मालवाहक जहाज को निकालने के लिए 10 टगबोट्स लगाए गए थे। सोमवार तक इसे 80% तक सीधा कर लिया गया था। जहाज पर 2.20 लाख टन माल लदा था, ऐसे में इसे घुमाने में काफी मशक्कत भी उठानी पड़ी।
स्वेज नहर से हर साल निकलते हैं 19 हजार जहाज
स्वेज नहर कारोबार के लिहाज से काफी अहमियत रखती है। दुनिया में होने वाले तेल के कुल कारोबार का 7% इसके जरिए होता है। वहीं, वैश्विक कारोबार का 10% कारोबार भी इसके जरिए होता है। पिछले साल स्वेज नहर से 19 हजार से ज्यादा मालवाहक जहाज गुजरे। स्वेज नहर को कारोबार के लिए 1869 में खोला गया था। यह एशिया को यूरोप से जोड़ती है। इसकी लंबाई 193 किमी है।
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