बांग्लादेश में मोमिनूर रहमान रॉयल यातायात की राह में एक प्रकार से दीवार बनकर खड़ा हो जा रहा है। दुनिया के सबसे अधिक शोर-शराबे वाले शहरों में एक ढाका में वह अनावश्यक हॉर्न बजाने के खिलाफ अकेला मुहिम चला रहा है।
ढाका. बांग्लादेश में मोमिनूर रहमान रॉयल यातायात की राह में एक प्रकार से दीवार बनकर खड़ा हो जा रहा है। दुनिया के सबसे अधिक शोर-शराबे वाले शहरों में एक ढाका में वह अनावश्यक हॉर्न बजाने के खिलाफ अकेला मुहिम चला रहा है। भारी यातायात के दौरान शहर में भारी शोर शराबा ऐसी कर्कशता लगती है जैसे कोई रॉक शो चल रहा हो। रहमान सप्ताहांत को अपने घर के समीप चौराहे पर एक तख्ती लेकर खड़ा हो जाता है जिस पर ‘होर्न दुदई, बजाय वुदई’ लिखा होता है। इसका मतलब केवल बेवकूफ ही अनावश्यक हॉर्न बजाता है।
4 साल पहले शुरू किया था अभियान
कारों, बसों और ट्रकों के आवागमन के बीच उसने कहा, ‘‘इस बेवकूफी के खिलाफ यह मेरा मौन प्रदर्शन है।’’रहमान ने चार साल पहले यह अभियान शुरू किया था और अब उसका कहना है कि उसे व्यापक समर्थन मिला है।उसने कहा, ‘‘ घर जा रहे लोग मेरा साथ देने के लिए रूक जाते है और सड़क पर मेरी तख्तियां लेकर खड़े हो जाते हैं, जबकि उनसे मेरी कोई जान पहचान नहीं होती है। यह एक सकारात्मक बदलाव है।’’
मिल रहा है लोगों का समर्थन
रहमान के मौन प्रदर्शन के फोटो सोशल मीडिया पर हजारों बार साझा किये गये हैं ओर कई लोगों ने समर्थन में टिप्पणी की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इंसान सुनने की अपनी क्षमता गंवाये बिना अधिकतम 85 डेसीबेल तक की आवाज आठ घंटे तक सुन सकता है। ढाका में व्यस्त समय में हॉर्न बजाने से ध्वनि का स्तर 110 डेसीबेल तक जा सकता है।
(यह खबर न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा की है। एशियानेट हिंदी की टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)