
लंदन: धुर दक्षिणपंथ के नेतृत्व में प्रवासी विरोधी प्रदर्शन से उबल रहे ब्रिटेन में, विपक्षी प्रदर्शन भी तेज हो गए हैं। नस्लवाद के खिलाफ नारे लगाते हुए कई लोग लिवरपूल में एकत्र हुए। शरणार्थियों का स्वागत करते हुए पोस्टर उठाए इन लोगों ने अप्रवासन के प्रति खुला रुख अपनाने की मांग की। लंदन, एडिनबर्ग, कार्डिफ़ जैसे शहरों और कस्बों में भी प्रवासी विरोधी भावना के खिलाफ बड़ी संख्या में लोग उतरे।
साउथपोर्ट में एक डांस कार्यक्रम में तीन बच्चों की मौत के बाद ब्रिटेन में तनाव शुरू हो गया था। यह विरोध प्रदर्शन प्रवासी विरोधी, मुस्लिम विरोधी प्रदर्शन में बदल गया। हमलावर प्रवासी है, इस झूठे प्रचार से तनाव फैल गया।
मारे गए बच्चों की उम्र छह, सात और नौ साल थी। हमलावर की उम्र 18 साल से कम है। इसलिए आरोपी का विवरण उजागर नहीं किया गया। इसके बाद मुस्लिम प्रवासी द्वारा हमले का झूठा प्रचार किया गया। पुलिस ने स्पष्ट किया कि हमलावर ब्रिटेन में पैदा हुआ था। धुर दक्षिणपंथी प्रदर्शनकारियों ने विरोध को प्रवासियों के खिलाफ लड़ाई में बदल दिया। उन्होंने ब्रिटेन में प्रवासन को नियंत्रित करने की मांग की। उनका कहना है कि पिछले 13 वर्षों में सबसे खराब दंगे पिछले एक हफ़्ते से ब्रिटेन में हो रहे हैं, जिसमें हज़ारों प्रवासी छोटी नावों में इंग्लिश चैनल पार करके आ रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने कई दुकानों में तोड़फोड़ की। दुकानों को लूटा गया और आग लगा दी गई। नकाबपोश प्रवासी विरोधियों ने प्रवासियों के लिए एक आश्रय स्थल रहे होटल को नष्ट कर दिया। कई शहरों में प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हुई। लिवरपूल, मैनचेस्टर, ब्रिस्टल, ब्लैकपूल, हल और उत्तरी आयरलैंड के बेलफ़ास्ट में धुर दक्षिणपंथी रैलियाँ हिंसा में बदल गईं। कुछ जगहों पर उपद्रवियों ने पुलिस पर ईंट-पत्थर और बोतलें फेंकीं। अब तक 779 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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