
वॉशिंगटन/नई दिल्ली। इजरायल की संसद में वेस्ट बैंक पर कब्जे के कानूनों को शुरुआती तौर पर मंजूरी देने के फैसले पर अमेरिका ने कड़ी आपत्ति जताई है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने इजराइल में वेस्ट बैंक को मिलाने के मुद्दे पर नेसेट में हुई वोटिंग को ट्रंप की पॉलिसी के खिलाफ बताया है। इस मुद्दे का इस्लामिक देशों जैसे कतर, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब ने भी विरोध किया है।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा, इजराइल द्वारा उठाया गया ये कदम प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप की नीति के सख्त खिलाफ है। ट्रंप प्रशासन का कहना साफ है कि इजराइल कभी भी वेस्ट बैंक पर कब्जा जमाने की कोशिश नहीं करेगा। इजराइल की संसद में हुई वोटिंग अगर कोई पॉलिटिकल स्टंट थी, तो ये वाकई बेहद अपमानजनक बात है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने वेस्ट बैंक पर कब्जा करने की इज़राइल की कोशिशों के खिलाफ सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने इस इलाके पर इजराइली संप्रभुता बढ़ाने के लिए कराई गई वोटिंग को शांति के लिए खतरा बताया है। बता दें कि नेसेट में ये वोटिंग तब हुई, जब कुछ दिनों पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने गाज़ा में इज़राइल के दो साल के आक्रमण को खत्म करने के मकसद से मिस्र में एक शांति समझौता करवाया। मार्को रुबियो ने कहा, "कब्जे वाले कदम शांति समझौते को खतरे में डाल सकते हैं।
ट्रंप प्रशासन ने इजराइल को चेतावनी देते हुए कहा है कि वेस्ट बैंक पर किसी भी तरह का एकतरफा कब्जा रेड लाइन को क्रॉस करना माना जाएगा। इससे पहले, सितंबर में डोनाल्ड ट्रम्प ने साफ कहा था कि मैं इज़राइल को वेस्ट बैंक पर कब्जा करने की इजाज़त नहीं दूंगा। ऐसा कभी नहीं होगा। वहीं, मार्को रुबियो ने भी कहा कि इस तरह के फैसले रीजनल डिप्लोमैसी को खतरे में डाल सकते हैं।
इजराइल ने 1967 के सिक्स डे वॉर के दौरान जॉर्डन से वेस्ट बैंक पर कब्जा कर लिया था और तब से इस क्षेत्र पर सैन्य नियंत्रण बनाए रखा है। हालांकि, बाद की सरकारों ने इसके औपचारिक विलय से दूरी बनाए रखी और इस इलाके में बस्तियों का विस्तार किया। ये एक तरह से फिलिस्तीनी क्षेत्र पर कब्जा है, जो अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन होगा।
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