सुखोई Su-25, S-400 Triumf और लड़ाकू हेलिकॉप्टर, जानें यूक्रेन की सीमा पर रूस ने किन हथियारों को किया है जमा

रूस और यूक्रेन की सीमा के पास सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों से पता चला है कि रूसी सेना टैंक और अन्य बख्तरबंद गाड़ियों के साथ हमले के लिए तैयार है। रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास सुखोई Su-25, S-400 ट्रायम्फ, एंटी टैंक लड़ाकू हेलिकॉप्टर और तोप समेत कई तरह के खतरनाक हथियारों को जमा कर रखा है। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 21, 2022 10:14 AM IST

मॉस्को। रूस और यूक्रेन के बीच तनाव (Ukraine Crisis) बहुत अधिक बढ़ गया है। रूस के साथ युद्ध की आशंका के बीच पूर्वी यूक्रेन में कई धमाके हुए हैं। ये धमाके रूस समर्थित अलगाववादियों ​​​​​​के नियंत्रण वाले शहर दोनेस्क में हुए हैं। इस बीच रूस ने बैलेस्टिक और क्रूज मिलाइलों के परीक्षण के साथ परमाणु युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है।

अमेरिका ने रूस के इस परीक्षण को यूक्रेन पर हमले का काउंटडाउन बताया है। आशंका जताई जा रही है कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है। रूस और यूक्रेन की सीमा के पास सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों से पता चला है कि रूसी सेना टैंक और अन्य बख्तरबंद गाड़ियों के साथ हमले के लिए तैयार है। रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास सुखोई Su-25, S-400 ट्रायम्फ, एंटी टैंक लड़ाकू हेलिकॉप्टर और तोप समेत कई तरह के खतरनाक हथियारों को जमा कर रखा है। 

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बीबीसी की खबर के अनुसार सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों से पता चला है कि रूस ने यूक्रेन की सीमा से लगभग 50 किमी दूर स्थित ब्रेस्टस्की में अधिक क्षमता वाले तोपों को तैनात किया है। ये स्व-चालित तोप टैंक की चेसिस के साथ जोड़े गए हैं। इसके साथ ही सीमा से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जायब्रोव्का हवाई क्षेत्र में 20 एंटी टैंक अटैक हेलिकॉप्टरों को रखा गया है। विश्लेषकों के अनुसार इनमें से 12 रूसी होकुम और पांच एमआई-28 हैवॉक हेलिकॉप्टर हो सकते हैं। Kamov Ka-50 ब्लैक शार्क को होकुम ए के नाम से भी जाना जाता है। इसे कामोव डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है। यह सिंगल सीट वाला अटैक हेलिकॉप्टर है। वहीं, Mi-28 एक ऑल-वेदर, ऑल-डे, एंटी-आर्मर अटैक हेलिकॉप्टर है। 

हवाई बमबारी के लिए सुखोई-25 तैनात
तस्वीरों से पता चलता है कि रूस ने यूक्रेन के महत्वपूर्ण ठिकानों पर हवाई बमबारी के लिए अपने सुखोई-25 विमानों को बड़ी संख्या में सीमा के पास तैनात किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार लूनिनेट्स हवाई क्षेत्र में ऐसे 32 विमान दिखे हैं। सुखोई एसयू-25 ग्राच (जिसे फ्रॉगफुट के नाम से भी जाना जाता है) एक सबसोनिक, ट्विन-इंजन जेट विमान है। इसे सोवियत संघ से समय जमीन पर लड़ रही सेना को हवाई मदद देने के लिए विकसित किया गया था।

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ए-400 सिस्टम तैनात
जंग की स्थिति में दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और हवा में मौजूद अन्य टारगेट को नष्ट करने के लिए रूस ने सीमा के पास S-400 एयर डिफेंस सिस्टम तैनात किया है। S-400 Triumf सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है। इसे अल्माज सेंट्रल डिजाइन ब्यूरो फॉर मरीन इंजीनियरिंग द्वारा विकसित किया गया है।

तस्वीरों में कई रूसी ड्रोन इकाइयां भी देखी गईं। हालांकि यह पता लगाना मुश्किल है कि रूस के पास कितनी ड्रोन इकाइयां हैं। रूस ने सीमा के पास ओरलान -10 ड्रोन तैनात किया है। यह आमतौर पर दो या तीन के समूहों में काम करता है। इसका इस्तेमाल जासूसी, निगरानी और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में होता है।

क्या है मामला?
रूस और यूक्रेन के बीच पिछले काफी समय से विवाद चल रहा है। शीत युद्ध के बाद से यूक्रेन के आसपास सैनिकों की टुकड़ी को यूरोप में सबसे खराब सुरक्षा जोखिम के रूप में देखा जा रहा है। तनाव का मुख्य कारण यूक्रेन का अमेरिकी नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो से करीबी संबंध है। यूक्रेन की कोशिश है कि उसे नाटो में शामिल कर लिया जाए। वहीं, रूस को यह मंजूर नहीं कि यूक्रेन नाटो का सदस्य बन जाए और इस संगठन की सेनाएं उसकी सीमा के करीब पहुंच जाए। रूस इसे अपने लिए खतरे के रूप में देखता है। 

यूक्रेन को नाटो का सदस्य बनने से रोकने के लिए रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास एक लाख से अधिक सैनिकों को तैनात किया है। इसके साथ ही उसने बेलारूस और ब्लैक सी में भी सैनिकों का जमावड़ा बढ़ा दिया है। रूस ने अमेरिका से इस बात की गारंटी की मांग की थी कि यूक्रेन को नाटो का सदस्य नहीं बनाया जाएगा। अमेरिका ने ऐसी कोई गारंटी देने से इनकार कर दिया था।

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