
कीव। यूक्रेन में युद्ध की स्थितियों को देखते हुए मार्शल लॉ एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने सोमवार को संसद में विधेयक पेश किया। इस विधेयक के अनुसार मार्शल लॉ को 30 दिनों तक एक्टेंड करने का फैसला लिया गया है। राष्ट्रपति की वेबसाइट के अनुसार 24 मार्च से अगले 30 दिनों के लिए मार्शल लॉ का विस्तार करने का प्रयास किया गया है।
दरअसल, यूक्रेन में युद्ध 24 फरवरी को शुरू हुआ जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विशेष सैन्य अभियान शुरू किया। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से एक यूरोपीय राज्य पर सबसे बड़ा हमला था। यूक्रेन द्वारा पश्चिमी देशों के करीब जाने और नाटो की सदस्यता लेने की इच्छा जताने के बाद रूस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया। यूक्रेन और रूस के बीच हालात बिगड़ने के बाद बीते 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन के दो क्षेत्रों को गणराज्य के रूप में मान्यता देने के साथ ही शांति सेना के रूप में अपने सैनिकों को उतार दिया। रूस की इस कार्रवाई से अमेरिका समेत अन्य नाटो व यूरोपियन यूनियन के देशों में खलबली मच गई। उधर, शांति बहाली की कार्रवाई के नाम पर रूस ने यूक्रेन में सेना उतारने के बाद हमला करना शुरू कर दिया। रूसी हमले में यूक्रेन के कई शहर तबाह हो चुके हैं।
ब्रिटेन बोला-रूस कर सकता है रासायनिक व जैविक हथियारों का इस्तेमाल
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को आशंका जताई है कि रूसी सैनिकों पर किए गए फर्जी हमले के जवाब में यूक्रेन में रासायनिक या जैविक हथियारों के इस्तेमाल की योजना रूस बना सकता है। अमेरिकी अधिकारियों ने भी इसी तरह के बयान दिए हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने यूक्रेन में रासायनिक हथियार प्रोग्राम से किया इनकार
संयुक्त राष्ट्र ने साफ किया है कि उसके पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यूक्रेन के पास जैविक हथियार कार्यक्रम है। जबकि वाशिंगटन और उसके सहयोगियों ने रूस पर अपने जैविक या रासायनिक हमलों को शुरू करने के संभावित प्रस्ताव के रूप में अप्रमाणित दावे को फैलाने का आरोप लगाया। उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने रूस को चेतावनी दी कि अगर उसकी सेना यूक्रेन के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करती है तो वह गंभीर कीमत चुकाएगा।
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