
वाशिंगटन. कोरोना महामारी के चलते दुनियाभर के देशों ने लॉकडाउन लागू किया था। लोगों के काम पर ना जाने से और प्रोडक्शन ना होने से देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है। सैकड़ों लोगों को नौकरी चली गई। ऐसे में ट्रंप सरकार ने एच1-बी वीजा पर बैन लगा दिया था और कहा था कि अमेरीका के लोगों को कंपनियां हायर करें। अब ट्रंप प्रशासन ने वीजा को लेकर कुछ नियमों में ढील देने का ऐलान किया है। इस फैसले के बाद इन वीजा धारकों को अमेरिका में प्रवेश करने की इजाजत मिल सकेगी।
बताया जा रहा है कि इस वीजा के फैसले के बाद खास तौर से उन लोगों को इससे फायदा मिलेगा, जो वीजा प्रतिबंध की वजह से नौकरी छोड़कर गए थे। अगर वो उन्हीं नौकरियों में वापस आते हैं तो इस छूट का फायदा मिल सकता है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के सलाहकार ने कहा कि इनमें प्राइमरी वीजाधारक की पत्नी और बच्चों को भी उनके साथ यात्रा की अनुमति दी जाएगी।
एच1-बी वीजा के नियमों में छूट का ऐलान
अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट के सलाहकार ने बताया कि जो भी आवेदक अमेरिका में अपनी पहले की कंपनी में नौकरी के लिए अपील करेंगे तो एच1-बी वीजा की कुछ शर्तों में राहत की वजह से उन्हें इसका फायदा मिल सकता है। जो एच-1 बी वीजा रखते हैं, प्रशासन ने तकनीकी विशेषज्ञों, वरिष्ठ-स्तरीय प्रबंधकों और अन्य कर्मियों को भी यात्रा की अनुमति दे दी है। यही नहीं उनकी यात्रा अमेरिका के तुरंत और निरंतर आर्थिक सुधार को सुविधाजनक बनाने के लिए बेहद जरूरी है।
ट्रंप ने H1-B वीजा पर लगाया था बैन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस साल के लिए H1-B वीजा को निलंबित करने की घोषणा 22 जून को की थी। इससे भारत समेत दुनिया के आईटी प्रोफेशनल के बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा था। हालांकि, अब अमेरिकी प्रशासन ने वीजा प्रतिबंध को वैकल्पिक बना दिया है, जिससे एच1-बी वीजा धारकों को कुछ शर्तों पर अमेरिका में प्रवेश करने की परमिशन मिलेगी।
इन्हें मिलेगा फायदा
ट्रंप प्रशासन ने उन वीजा धारकों को भी यात्रा की परमिशन दी है, जो कोविड-19 महामारी के प्रभावों को कम करने के लिए काम कर रहे हैं। खास तौर से लोगों के स्वास्थ्य और हेल्थकेयर प्रोफेशनल के तौर पर काम कर रहे हैं। अमेरिका में कोरोना संकट से हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं। ऐसे में अमेरिकी सरकार ने एच1-बी वीजा को लेकर बड़ा फैसला लिया है।
क्या है H1-B वीजा?
बता दें, एच1-बी वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है। अमेरिका में कार्यरत कंपनियों को यह वीजा ऐसे कुशल कर्मचारियों को रखने के लिए दिया जाता है, जिनकी वहां कमी होती है। इस वीजा की वैलिडिटी 6 साल की होती है। अमेरिकी कंपनियों की डिमांड की वजह से भारतीय आईटी प्रोफेशनल को H1-B वीजा सबसे अधिक मिलता है।
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