
Israel Iran War: अमेरिकी सेना ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए एक बड़े हवाई हमले के नए विवरण बताए हैं। इसे एक तेज और शक्तिशाली ऑपरेशन बताया गया है, जिसने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को सिर्फ 25 मिनट में "तबाह" कर दिया।
पेंटागन की एक ब्रीफिंग में रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर किए गए ये हमले बहुत कामयाब रहे। हेगसेथ ने कहा, "हमने ईरानी परमाणु कार्यक्रम को तबाह कर दिया। हमने ईरानी लोगों या उनके सैनिकों को निशाना नहीं बनाया।"
इन हमलों में तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें अत्यधिक सुरक्षित फोर्डो सुविधा भी शामिल है। B-2 स्टेल्थ बमवर्षकों ने सटीक हमले किए, जबकि इस क्षेत्र में एक अमेरिकी पनडुब्बी से मिसाइलें दागी गईं।
ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल डैन केन ने पुष्टि की कि यह एक संयुक्त सैन्य प्रयास था, जिसमें गोपनीयता और अचानक हमला करने की रणनीति का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा, "B-2 बमवर्षक बिना किसी को पता चले अंदर गए और बाहर आ गए। यही हम सबसे बेहतर करते हैं।"
अमेरिका ने कहा कि ऑपरेशन के दौरान ईरानी वायु रक्षा ने गोलीबारी नहीं की और न ही किसी ईरानी लड़ाकू विमान ने जवाब दिया। हेगसेथ के अनुसार, इससे पता चलता है कि हमले कितनी अच्छी तरह से योजनाबद्ध और अप्रत्याशित थे।
उन्होंने आगे कहा कि महीनों की चुपचाप तैयारी के बाद यह क्षण आया। हेगसेथ ने कहा, "जब राष्ट्रपति ने बुलाया, तो हम तैयार थे।" पेंटागन ने कहा है कि इस ऑपरेशन में किसी भी अमेरिकी की जान नहीं गई।
रक्षा सचिव हेगसेथ ने स्पष्ट किया कि इस हमले का उद्देश्य ईरान के नेताओं को हटाना नहीं था। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य शासन परिवर्तन नहीं है। लेकिन हम अपने हितों की रक्षा पूरी ताकत से करेंगे।"
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प को अभी भी शांति की उम्मीद है और ईरान को अब संघर्ष के बजाय कूटनीति का रास्ता चुनना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, "यह पिछली सरकार नहीं है। अमेरिकी प्रतिरोध वापस आ गया है।"
ईरान ने इन हमलों की "आपराधिक कृत्य" के रूप में निंदा की है और गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने इस हमले को सीधे तौर पर आक्रामकता का कार्य बताया और जवाबी कार्रवाई का वादा किया। अमेरिका ने कहा है कि वह जल्द ही सैटेलाइट तस्वीरें और पूरी क्षति रिपोर्ट जारी करेगा।
अमेरिकी सेना हाई अलर्ट पर है। जवाबी कार्रवाई की स्थिति में पेंटागन ने इस क्षेत्र में और युद्धपोत और मिसाइल रक्षा प्रणालियाँ भेजी हैं।
हालांकि व्हाइट हाउस इस ऑपरेशन को एक रक्षात्मक कदम बता रहा है, लेकिन कई लोगों को डर है कि अगर दोनों पक्ष कूटनीति पर वापस नहीं लौटते हैं तो इससे पश्चिम एशिया में एक बड़ा युद्ध हो सकता है।
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