
Indian Student Visa: एक अमेरिकी फेडरल जज ने ट्रंप प्रशासन को एक 21 साल के भारतीय छात्र को देश से निकालने से रोक लगा दी है। इस छात्र का नाम कृष लाल इस्सरदासानी है, जो यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन-मैडिसन में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन-मैडिसन में कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है।
कृष मई की शुरुआत में ग्रेजुएट होने वाला था, लेकिन 4 अप्रैल को उसका स्टूडेंट वीजा कैंसिल कर दिया गया। अब 15 अप्रैल को कोर्ट ने आदेश दिया है कि अमेरिका का होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट न तो उसका वीजा रद्द कर सकता है और न ही उसे हिरासत में ले सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, जब सरकार के SEVIS डाटाबेस में कृष इस्सरदासानी का रिकॉर्ड बिना किसी चेतावनी या सफाई का मौका दिए खत्म कर दिया गया, तो वकील शबनम लोत्फी ने कोर्ट में अस्थायी रोक लगाने की अर्जी दाखिल की।
कोर्ट ने कहा कि कृष को न तो कोई चेतावनी दी गई और न ही अपनी बात रखने का मौका मिला। बता दें, एफ-1 वीजा अमेरिका में पढ़ाई कर रहे विदेशी छात्रों को दिया जाता है। अदालती आदेश के मुताबिक, कृष इस्सरदासानी को 22 नवंबर 2024 को एक मामूली हंगामे के शक में गिरफ्तार किया गया था। ये घटना तब हुई जब वह अपने दोस्तों के साथ एक बार से बाहर निकलने के बाद दूसरी ग्रुप से बहस में उलझ गया। हालांकि, डेन काउंटी के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी इस्माएल ओजाने ने इस मामले में कृष पर कोई आरोप नहीं लगाए और वह कभी कोर्ट में पेश भी नहीं हुए।
यह भी पढ़ें: कर्नाटक के रिहैब सेंटर में मरीज को घसीटकर डंडे से पीटा, वीडियो वायरल होने पर मचा हड़कंप
विस्कॉन्सिन की वेस्टर्न डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज विलियम कॉनले ने अपने आदेश में कहा कि इस्सरदासानी को किसी अपराध में दोषी नहीं ठहराया गया है और उनके वीजा को गलत तरीके से रद्द किए जाने का दावा अदालत में "उचित रूप से सफल हो सकता है"। जज ने मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को तय की है।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।