
वॉशिंगटन/नई दिल्ली। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को लेकर एक बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि हम निश्चित रूप से पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं, लेकिन भारत की कीमत पर कतई नहीं। रुबियो ने कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करते रहे हैं, लेकिन इससे भारत के साथ उसके रिश्तों को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा।
मार्को रूबियो से जब पूछा गया कि क्या अमेरिका-पाकिस्तान की नजदीकियों पर भारत ने किसी तरह की चिंता जताई है, तो इस पर उन्होंने सधा हुआ जवाब देते हुए कहा, ''भारतीय कूटनीती में समझदारी है। उन्हें पता है कि हमें कई देशों से संबंध रखने पड़ते हैं। उनके भी कुछ देशों से अच्छे रिश्ते हैं। ये चीजें समझदारी भरी फॉरेन पॉलिसी का हिस्सा हैं।
मार्को रूबियो से जब पूछा गया कि क्या अमेरिका और पाकिस्तान की दोस्ती इसलिए बढ़ी क्योंकि राष्ट्रपति ट्रम्प ने भारत-पाकिस्तान के बीच जंग रुकवाने में मदद की। इस पर रुबियो ने कहा नहीं, इससे पहले भी हमने पाकिस्तान से बातचीत शुरू की थी। हम उनके साथ स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि भारत-पाकिस्तान के बीच पुरानी दुश्मनी है, लेकिन हमारा चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा देशों के बीच अच्छे रिश्ते रहें। मुझे लगता है कि पाकिस्तान के साथ हमारी दोस्ती का भारत के साथ संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
22 अप्रैल को पहलगाम पर आतंकी हमले के बाद भारत ने मई में पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 10 मई को एक ट्वीट करते हुए दोनों देशों के बीच युद्ध रुकवाने का दावा किया। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने जहां इस दावे का सपोर्ट किया, वहीं भारत साफ कह चुका है कि युद्ध रुकवाने के लिए पाकिस्तानी डीजीएमओ ने हमसे रिक्वेस्ट की थी। इसमें किसी भी देश का कोई हाथ नहीं है।
वहीं, मलेशिया में ASEAN समिट में हिस्सा लेने पहुंचे डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर की तारीफ करते हुए दोनों को महान बताया। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका ने पिछले 8 महीने में औसतन 8 युद्ध रुकवाए हैं और अब वो पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच भी सीजफायर करवाएंगे।
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