
India US Trade Tensions: 7 अगस्त से अमेरिका ने भारत से आने वाले सामानों पर 25% टैरिफ लागू कर दिया है। इसके साथ ही एक और 25% अतिरिक्त टैरिफ 27 अगस्त से लगाया जाएगा। इससे भारतीय सामान अमेरिकी बाजार में महंगे हो जाएंगे, जिससे उनकी मांग घट सकती है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर यह टैरिफ इसलिए लगाया क्योंकि भारत ने रूस से बड़ी मात्रा में कच्चा तेल खरीदा है। अब ट्रंप ने इशारा दिया है कि चीन पर भी ऐसे ही टैरिफ या सेकेंडरी प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, क्योंकि चीन रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार है।
व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या चीन पर भी भारत जैसा ही एक्शन लिया जाएगा, तो इसपर जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "हो सकता है, मुझे नहीं पता, मैं अभी कुछ नहीं कह सकता। हमने भारत पर टैरिफ लगाया है और शायद कुछ और देशों पर भी लगाएंगे। उनमें से एक चीन हो सकता है।"
जून 2025 के आंकड़ों के मुताबिक, चीन रूस से सबसे ज्यादा कच्चा तेल खरीदता है। रूस के कुल तेल निर्यात का 47% हिस्सा चीन लेता है, जबकि 38% भारत खरीदता है। अगर तेल से बने उत्पादों की बात करें तो तुर्किये सबसे बड़ा ग्राहक है, जो 26% तेल उत्पाद खरीदता है। चीन 13% और ब्राजील 12% हिस्सेदारी रखते हैं।
LNG की खरीद में यूरोपीय संघ सबसे आगे है। EU रूस से 51% LNG खरीदता है। इसके बाद चीन 21% और जापान 18% LNG खरीदते हैं। इसके बाद चीन 30% और तुर्किये 27% हिस्सेदारी के साथ दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं। इससे साफ है कि यूरोपीय देश, चीन और तुर्किये रूस से बड़ी मात्रा में गैस और ऊर्जा उत्पाद खरीदते हैं।
यह भी पढ़ें: भारत जैसे रूसी तेल खरीदारों पर टैरिफ लगा अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे ट्रंप, जानें कैसे
अभी तक अमेरिका ने रूस से तेल और गैस खरीदने को लेकर चीन और तुर्किये पर कोई टैरिफ नहीं लगाया है, जबकि भारत पर पहले ही 25% का टैरिफ लगाया जा चुका है। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान से यह साफ पता चलता है कि आने वाले दिनों में चीन पर भी सख्त कदम उठाए जा सकते हैं। ट्रंप ने इशारा किया है कि भारत के बाद कुछ और देशों पर भी टैरिफ लगाया जा सकता है जिनमें चीन का नाम प्रमुख हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।