बिडेन ने चेताया-रूस को चुकानी पड़ेगी रसायनिक हथियारों के उपयोग की कीमत, सीधे टकराया तो होगा World War III

मॉस्को के खिलाफ नए प्रतिबंधों की घोषणा करते हुए बाइडेन ने कहा, "मैं खुफिया जानकारी के बारे में नहीं बोलने जा रहा हूं, लेकिन रूस अगर रसायनों का इस्तेमाल करता है तो उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।"

Asianet News Hindi | Published : Mar 11, 2022 8:42 PM IST

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन (US President Joe Biden) ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि अगर रूस यूक्रेन में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करता है तो वह गंभीर कीमत चुकाएगा, साथ ही मास्को को तीसरे विश्व युद्ध में उकसाने से बचने का भी वादा किया। प्रेसिडेंट बिडेन ने कहा कि हम नाटो के एक-एक इंच क्षेत्र की पूरी ताकत से एकजुट और मजबूत नाटो की रक्षा करेंगे। लेकिन हम यूक्रेन में रूस के खिलाफ युद्ध नहीं लड़ेंगे। नाटो और रूस के बीच सीधा टकराव तृतीय विश्व युद्ध है, जिसे रोकने के लिए हमें प्रयास करना चाहिए।

बिडेन ने फिर से स्पष्ट किया कि यूक्रेनियन्स की हताश दलीलों के बावजूद अमेरिकी सेना यूक्रेन में नहीं लड़ेगी। बिडेन ने कहा, "हम यूक्रेन में रूस के खिलाफ युद्ध नहीं लड़ेंगे। नाटो और रूस के बीच सीधा टकराव तृतीय विश्व युद्ध है - जिसे रोकने के लिए हमें प्रयास करना चाहिए।"

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रसायनिक हथियारों का हुआ इस्तेमाल तो गंभीर परिणाम

मॉस्को के खिलाफ नए प्रतिबंधों की घोषणा करते हुए बाइडेन ने कहा, "मैं खुफिया जानकारी के बारे में नहीं बोलने जा रहा हूं, लेकिन रूस अगर रसायनों का इस्तेमाल करता है तो उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।

यूक्रेन में जैविक हथियारों के निर्माण का आरोप

रूस के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यूक्रेन में कथित रूप से जैविक हथियारों के निर्माण को लेकर शुक्रवार को आपात बैठक कर रही है। बिडेन ने शुक्रवार को रूस के साथ सामान्य व्यापार संबंधों को समाप्त करने के लिए भी फैसला किया। यूक्रेन पर आक्रमण के बाद पश्चिमी देशों ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव बढ़ा दिया है।

संयुक्त राज्य अमेरिका, अन्य पश्चिमी देशों की तरह, यूक्रेन को विमान-रोधी और टैंक-रोधी मिसाइलों जैसे लाखों डॉलर के हथियार भेज रहा है, साथ ही खुफिया जानकारी भी साझा कर रहा है।

अमेरिका पर पहले भी रूस लगा चुका है आरोप

2018 में, मास्को ने संयुक्त राज्य अमेरिका पर जॉर्जिया में एक प्रयोगशाला में गुप्त रूप से जैविक हथियारों के प्रयोग करने का आरोप लगाया था। जार्जिया पूर्व सोवियत गणराज्य का हिस्सा रहा है। यूक्रेन की तरह वह भी नाटो और यूरोपीय संघ में शामिल होने की महत्वाकांक्षा रखता है।

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