
वर्ल्ड डेस्क। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई में 26/11/2008 को हुए भीषण आतंकी हमला (Mumbai terror attacks) मामले में मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) को भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही अब तहव्वुर राणा को भारत लाने और उसके किए की सजा देने का रास्ता साफ हो गया है।
63 साल का तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। भारत को लंबे समय से मुंबई आतंकी हमलों को लेकर उसकी तलाश है। इस समय वह अमेरिका के लॉस एंजिल्स जेल में बंद है। अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने 2009 में उसे शिकागो में गिरफ्तार किया था।
तहव्वुर राणा पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा हुआ है। वह मुंबई हमले के लिए जिम्मेदार प्रमुख लोगों में से एक है। उस पर हमले को अंजाम देने में आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की मदद करने का आरोप है। हेडली इस मामले में सरकारी गवाह बन गया है। वह अमेरिका में 35 साल की जेल की सजा काट रहा है।
तहव्वुर राणा ने पाकिस्तान के हसन अब्दल कैडेट स्कूल में पढ़ाई की थी। यहां उसकी दोस्ती डेविड कोलमैन हेडली से हुई थी। उसे दाउद गिलानी के नाम से भी जाना जाता है। हेडली अमेरिकी नागरिक था, जिसकी मां अमेरिकी और पिता पाकिस्तानी थे। उसे 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों की योजना बनाने का दोषी ठहराया गया था।
तहव्वुर राणा ने पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के रूप में काम किया है। वह 1997 में कनाडा चला गया था। उसने खुद को इमिग्रेशन सेवाओं में विशेषज्ञता रखने वाले व्यवसायी के रूप में स्थापित किया। बाद में उसे कनाडा की नागरिकता मिल गई। राणा ने फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज की स्थापना की थी। उसके ऑफिस की मुंबई शाखा ने हेडली को हमलों को अंजाम देने के लिए लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संभावित लक्ष्यों की पहचान करने और सर्वे करने के लिए कवर दिया था।
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