संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के खिलाफ लगातार हमलावर हूती विद्रोहियों (Houthi Rebels) पर नकेल कसने के लिए अब अमेरिका आगे आया है। अमेरिका ने UAE की हवाई सुरक्षा को मजबूत करने की बात कही है। अमेरिका UAE के मिसाइल इंटरसेप्टर को मजबूत करने में मदद करेगा, जिससे हूती विद्रोहियों के हवाई हमलों को नाकाम किया जा सके।
वर्ल्ड न्यूज डेस्क. संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के खिलाफ लगातार हमलावर हूती विद्रोहियों (Houthi Rebels) पर नकेल कसने के लिए अब अमेरिका आगे आया है। अमेरिका ने UAE की हवाई सुरक्षा को मजबूत करने की बात कही है। अमेरिका UAE के मिसाइल इंटरसेप्टर को मजबूत करने में मदद करेगा, जिससे हूती विद्रोहियों के हवाई हमलों को नाकाम किया जा सके। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) कुछ दिन पहले कह चुके हैं कि अमेरिका फिर से हूती विद्रोहियों को आतंकवादी समूह घोषित करने पर विचार कर रहा है। बता दें कि हूती विद्रोही सउदी अरब के सहयोगी UAE पर लगातार हमला कर रहा है।
अमेरिका पहले से ही हूती विद्रोहियों के खिलाफ है
मध्य पूर्व की देखरेख करने वाले यूएस सेंट्रल कमांड के प्रमुख फ्रैंक मैकेंजी (Frank McKenzie) ने अबू धाबी (Abu Dhabi) की यात्रा के बाद एक इंटरव्यू में न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि वे UAE की हर संभव मदद करेंगे। रॉयटर्स के सूत्रों के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात से इस संबंध में मदद मांगी थी। यमन के इन विद्रोहियों ने 17 जनवरी को आबू धाबी में ड्रोन और मिसाइल से हमला किया था। कुछ समय से ऐसा हमले लगातार किए जा रहे हैं। अमेरिकी सेना ने अमेरिकी सैनिकों की मेजबानी करने वाले अबू धाबी के बाहर एक एयरबेस को निशाना बनाकर किए गए दो मिसाइलों को मार गिराने में मदद की थी।अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने गुरुवार को सऊदी शहर अभा पर हुए हूती ड्रोन हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे आतंकवादी हमला करार दिया। इस हमले में 12 लोग घायल हुए। सुलिवन ने एक बयान में साफ कहा कि अमेरिका हमेशा अपने दोस्तों के लिए खड़ा है। राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने बुधवार को सऊदी अरब के किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद को मोबाइल संदेश भी भेजा था।
बच्चों को बलि का बकरा बना रहा
पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट जारी की थी। इसके अनुसार यमन में जारी युद्ध में जनवरी 2020 से मई 2021 के दौरान हूती विद्रोहियों द्वारा भर्ती किए गए 10 से 17 वर्ष की आयु के 2,000 बच्चों ने जान गंवाई। हूती विद्रोहियों ने जनवरी 2015 में यमन की सत्ता पर कब्जा किया था।
यमन में 2015 से जारी है हूती संघर्ष
शिया इस्लाम को मानने वाले हूती विद्रोहियों का उत्तरी यमन के ज्यादातर हिस्सों पर कब्जा है। ये इस इलाके में सुन्नी इस्लाम की सलाफी विचारधारा का विरोध करते हैं। 2015 से यमन में हूती संघर्ष जारी है। 2015 में हूतियों ने यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था और राष्ट्रपति अब्दरबू मंसूर हादी को देश छोड़कर भागना पड़ा था। अभी उत्तरी यमन के ज्यादातर हिस्सों पर हूतियों का कब्जा है। सऊदी अरब शुरुआत से ही हादी समर्थक रहा है। 2015 में सउदी की अगुआई वाली गठबंधन सेना ने हूती विद्रोहियों पर कई हवाई हमले भी किए थे।
हूती विद्रोहियों को बढ़ावा देने में ईरान का नाम भी सामने आता है। ईरान और हूती विद्रोही दोनों शिया इस्लाम को मानते हैं। इस जुड़ाव की वजह से ईरान पर आरोप लगाते हैं कि वह हथियार और पैसे देकर इनकी मदद करता है। सितंबर 2019 में हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब के दो तेल संयंत्रों पर हमला करने का दावा किया था, जिससे पूरी दुनिया के तेल बाजार पर असर पड़ा था।