अमेरिका में साइबर अटैक के बाद आपातकाल, फ्यूल पाइपलाइन को अपराधियों ने कब्जे में लिया

साइबर गिरोह डार्कसाइड ने अमेरिका से रैनसैम की डिमांड की है। अटैक करने वालों ने फिरौती की रकम नहीं मिलने पर डेटा को इंटरनेट पर लीक करने की धमकी दी है

Asianet News Hindi | Published : May 10, 2021 11:51 AM IST

वाशिंगटन। साइबर अपराधियों ने विश्व के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका को चुनौती दे डाली है। यूएसए पर किए गए इस सबसे बड़े साइबर अटैक से देश में इमरजेंसी लगा दिया गया है। साइबर हमलावरों ने यूएसए के ईधन पाइपलाइन को हैक कर लिया है। कोरोना महामारी में वर्क फ्राम होम होने का फायदा उठाकर अपराधियों ने अटैक को अंजाम दिया है। 

यूएसए में फ्यूल पाइपलाइन सिस्टम फेल

यूएसए में कोलोनियल पाइपलाइन से फ्यूल की सप्लाई की जाती है। इस पाइपलाइन से प्रतिदिन 25 लाख बैरल तेल सप्लाई होता है। अमेरिका के ईस्ट कोस्ट के राज्यों में डीजल, गैस और जेट ईंधन की 45 फीसदी आपूर्ति इसी पाइपलाइन से होती है। साइबर अपराधियों के अटैक से पूरी पाइपलाइन सिस्टम ठप है। ऐसे में कई राज्यों में ईधन संकट गहरा सकता है। हालांकि, अमेरिकी सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रोडवेज से फ्यूल सप्लाई की जा रही है। 

शार्टेज से रेट में हो सकती है बढ़ोतरी

अमेरिका में फ्यूल सप्लाई सिस्टम पर साइबर अटैक होने से तमाम राज्यों में सप्लाई ठप है। वैकल्पिक व्यवस्था से वहां सप्लाई की कोशिशें हो रही। माना जा रहा है कि अमेरिका में 2 से 3 प्रतिशत रेट में भी बढ़ोतरी की जा सकती है। 

डार्कसाइड ने किया है साइबर हमला

यूएसए के कोलोनियल पाइपलाइन पर साइबर अटैक से पूरे देश के सिस्टम को हिला देने वाले साइबर अपराधियों की पहचान डार्कसाइड नामक गिरोह के रूप में हुई है। इनके द्वारा साइबर अटैक से पूरे नेटवर्क को ठप कर करीब 100 जीबी डेटा को कब्जे में ले लिया गया है। कई कंप्यूटर्स और सर्वर्स के डेटा को लाॅक कर दिया है। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार उसकी चार मुख्य लाइनें ठप्प हैं और टर्मिनल से डिलीवरी प्वाइंट तक ले जाने वाली कुछ छोटी लाइनें काम कर रही हैं। 

डेटा इंटरनेट पर लीक करने की धमकी

साइबर गिरोह डार्कसाइड ने अमेरिका से रैनसैम की डिमांड की है। अटैक करने वालों ने फिरौती की रकम नहीं मिलने पर डेटा को इंटरनेट पर लीक करने की धमकी दी है। हालांकि, पूरे सिस्टम की निगरानी और देखभाल करने वाली अमेरिकन कंपनी ने बताया है कि वह सेवाओं को बहाल करने के लिए पुलिस, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों और ऊर्जा विभाग के संपर्क में हैं। 

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