
नई दिल्ली। दुनिया की निगाहें 4-5 दिसंबर पर टिकी हैं, जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत पहुंचेंगे। 23वें इंडिया-रूस सालाना समिट को लेकर कूटनीतिक हलकों में हलचल बढ़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन की यह मुलाकात ऐसे समय हो रही है जब वैश्विक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है और भारत-रूस दोनों ही अपनी रणनीतियों को नए सिरे से परिभाषित कर रहे हैं। यह दौरा न केवल द्विपक्षीय रिश्तों का रिव्यू करने का मौका देगा, बल्कि आने वाले वर्षों की साझेदारी की दिशा भी तय करेगा।
बीते कुछ महीनों में अमेरिका द्वारा नई दिल्ली के रूसी तेल आयात पर कड़े टैरिफ लगाने के बाद भारत और रूस के बीच राजनीतिक और आर्थिक संवाद तेज हुआ है। ऐसे में पुतिन का यह दौरा द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, अपने भारत दौरे के दौरान पुतिन प्रधानमंत्री मोदी से विस्तृत चर्चा करेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत करेंगी और उनके सम्मान में राज्य भोज का आयोजन करेंगी।
रूसी प्रेसिडेंट के भारत दौरे की घोषणा सबसे पहले अगस्त 2025 में हुई थी, जब भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मॉस्को गए थे। हालांकि उस वक्त तारीखें तय नहीं थीं। इसके बाद सितंबर में प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन की मुलाकात चीन में आयोजित शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइज़ेशन (SCO) समिट में हुई, जहां दोनों नेताओं ने रूसी लिमोज़ीन में एक घंटे तक बातचीत की थी।
इस महीने की शुरुआत में पुतिन के सहयोगी और सुरक्षा परिषद सचिव निकोलाई पेत्रुशेव दिल्ली आए थे। मुलाकात के दौरान PM मोदी ने पेत्रुशेव के माध्यम से पुतिन को अपनी शुभकामनाएं भेजीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत रूस के साथ दीर्घकालिक और भरोसेमंद रणनीतिक संबंधों को और गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और आगामी समिट इस दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
PM मोदी और पुतिन की मुलाकात आखिरी बार सितंबर में चीन में आयोजित शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) समिट के दौरान हुई थी, जहां दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत बनाए रखने पर जोर दिया था। व्लादिमीर पुतिन 4-5 दिसंबर 2025 को इंडिया-रूस सालाना समिट में शामिल होने भारत आएंगे। PM मोदी और पुतिन द्विपक्षीय रिश्तों, रणनीतिक साझेदारी और क्षेत्रीय मुद्दों पर व्यापक बातचीत करेंगे।
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