
Israel Iran War: इजरायल ने दुनिया को चौंकाते हुए शुक्रवार सुबह 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन' शुरू किया। उसने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के केंद्र पर हमला किया। इसमें नतांज में ईरान की मुख्य एनरिचमेंट फैसिलिटी शामिल है। यहां यूरेनियम को परमाणु हथियार बनाने लायक शुद्ध बनाया जाता है।
ईरान लंबे समय से परमाणु बम बनाने की फिराक में है। उसने अत्यधिक संवर्धित यूरेनियम (Enriched Uranium) का बड़ा भंडार जमा कर लिया है। इसका एक तिहाई हिस्सा पिछले तीन महीनों में ही स्टोर किया गया है। यहां उत्पादन की मात्रा में भारी वृद्धि हुई थी। ईरान एक ओर अमेरिका के साथ परमाणु कार्यक्रम पर बात कर रहा था, दूसरी ओर पूरी ताकत से हथियार ग्रेड यूरेनियम तैयार कर रहा था। अमेरिका और ईरान परमाणु समझौता करते तो अमेरिका ईरान पर लगाए गए कुछ कठोर आर्थिक प्रतिबंधों को हटा सकता था। बदले में ईरान अपने यूरेनियम के संवर्धन को सीमित या समाप्त करता।
माना जाता है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने से बस कुछ ही पल दूर है। ईरान ने घोषणा की कि वह तीसरा संवर्धन स्थल स्थापित करेगा। अपने कुछ सेंट्रीफ्यूज को अधिक एडवांस सेंट्रीफ्यूज से बदल देगा। ऐसा होने से पहले ही इजरायल ने हमला कर दिया।
नतांज एनरिचमेंट फैसिलिटी ईरान की राजधानी तेहरान से लगभग 220 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। यह ईरान का प्रमुख परमाणु संयंत्र है। इसे इजरायल ने निशाना बनाया है। ईरान के सेंट्रल पठार पर स्थित इस फैसिलिटी का एक अहम हिस्सा हवाई हमलों से बचाव के लिए जमीन के नीचे है। न्यूज एजेंसी एपी के अनुसार यहां कई कैस्केड या सेंट्रीफ्यूज चलाए जाते हैं। इनमें यूरेनियम को तेजी से शुद्ध किया जाता है ताकि उससे परमाणु हथियार बन सके। ईरान कुह-ए कोलांग गज ला या पिकैक्स माउंटेन में भी खुदाई कर रहा है। यह नतांज की दक्षिणी बाड़बंदी से ठीक आगे है।
फोर्डो एनरिचमेंट फैसिलिटी तेहरान से लगभग 100 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। इसमें सेंट्रीफ्यूज कैस्केड भी हैं। यह नतांज जितनी बड़ी सुविधा नहीं है। यह पहाड़ के नीचे बनाया गया है। इसकी सुरक्षा के लिए एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल लगाए गए हैं। IAEA (International Atomic Energy Agency) के अनुसार इसका निर्माण कम से कम 2007 में शुरू हुआ था।
ईरान का एकमात्र कमर्शियल न्यूक्लियर पावर प्लांट फारस की खाड़ी में बुशहर में है। यह तेहरान से लगभग 750km दक्षिण में है। इसका निर्माण 1970 के दशक के मध्य में ईरान के शाह मोहम्मद रजा पहलवी के शासनकाल में शुरू हुआ था। 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद, ईरान-इराक युद्ध में इस संयंत्र को बार-बार निशाना बनाया गया। बाद में रूस ने इसका निर्माण पूरा किया।
ईरान इस साइट पर दो अन्य रिएक्टर बना रहा है। बुशहर को ईरान में नहीं बल्कि रूस में तैयार किया गया यूरेनियम ईंधन मिलता है। इसकी निगरानी संयुक्त राष्ट्र की अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी करती है।
अरक हेवी वाटर रिएक्टर तेहरान से 250km दक्षिण-पश्चिम में है। यहां प्लूटोनियम का उत्पादन होता है। इससे परमाणु हथियार बनाए जा सकते हैं। इससे ईरान को यूरेनियम के अलावा दूसरे रेडियोएक्टिव मटेरियल से परमाणु बम बनाने का रास्ता मिल जाएगा।
तेहरान से लगभग 350km दक्षिण-पूर्व में स्थित इस्फहान न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी सेंटर में हजारों परमाणु वैज्ञानिक काम करते हैं। यहां ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े तीन चीनी रिसर्च रिएक्टर और लैब हैं।
तेहरान रिसर्च रिएक्टर ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के मुख्यालय में है। यह ईरान के परमाणु कार्यक्रम की देखरेख करने वाला नागरिक निकाय है।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।