प्लेन के लैंडिंग गियर में छिप कर केन्या से नीदरलैंड्स तक गया 16 साल का लड़का, अब है अस्पताल में भर्ती

Published : Feb 06, 2021, 08:56 PM IST
प्लेन के लैंडिंग गियर में छिप कर केन्या से नीदरलैंड्स तक गया 16 साल का लड़का, अब है अस्पताल में भर्ती

सार

एक 16 साल का लड़का केन्या (Kenya) के नैरोबी एयरपोर्ट से एक कार्गो प्लेन से तुर्की और ब्रिटेन होते हुए नीदरलैंड्स पहुंच गया। सबसे अजीबोगरीब बात तो यह है कि 8 हजार किलोमीटर की यह यात्रा उसने प्लेन के लैंडिंग गियर में छिप कर की। 

इंटरनेशनल डेस्क। एक 16 साल का लड़का केन्या (Kenya) के नैरोबी एयरपोर्ट से एक कार्गो प्लेन से तुर्की और ब्रिटेन होते हुए नीदरलैंड्स पहुंच गया। सबसे अजीबोगरीब बात तो यह है कि 8 हजार किलोमीटर की यह यात्रा उसने प्लेन के लैंडिंग गियर में छिप कर की। इतनी लंबी यात्रा लैंडिंग गियर में बैठ कर करने से उस लड़के की नसें जाम हो गईं। फिलहाल, वह लड़का अस्पताल में भर्ती है और इलाज करा रहा है। यह कार्गो प्लेन तुर्की और ब्रिटेन में रुका भी, लेकिन किसी की नजर उस लड़के पर नहीं पड़ी। जब नीदरलैंड्स के मास्त्रिख्त एयरपोर्ट पर इंजीनियरों ने प्लेन की जांच की, तो उन्हें लैंडिंग गियर में लड़का बैठा दिखा।

लोगों को नहीं हो रहा यकीन
इस अजीबोगरीब घटना की खबर एक वेबसाइट ने दी है। जानकारी के मुताबिक, केन्या के नैरोबी से एयरबस ए330 (Airbus A330) कार्गो फ्लाइट ने टेकऑफ किया। उसके पहले ही 16 साल का एक केन्याई लड़का प्लेन के लैंडिंग गियर में छिप कर बैठ गया। इसकी जानकारी किसी को नहीं मिल सकी। यह कार्गो विमान ब्रिटेन होते हुए शुक्रवार दोपहर को नीदरलैंड्स के मास्त्रिख्त एयरपोर्ट पर पहुंचा। जब इंजीनियरों ने प्लेन को चेक करना शुरू किया तो लैंडिंग गियर में लड़का दिखा, जिसे बाहर निकाला गया और चेकअप के लिए हॉस्पिटल भेज दिया गया। इस घटना पर एकबारगी किसी को यकीन नहीं हो पा रहा है।

नहीं बताया गया लड़के का नाम
रिपोर्ट में इस लड़के का नाम नहीं बताया गया है। वहीं, मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि बहुत लंबे सफर की वजह से उसे हाइपोथर्मिया (Hypothermia) हो गया है। इसमें नसों में खून जम जाता है और इससे मौत भी हो सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि वे इस बात से हैरान हैं कि यह लड़का प्लेन के लैंडिंग गियर में इतना लंबा सफर करके बच कैसे गया।

कैसे पहुंचा प्लेन तक
नीदरलैंड्स के फ्लाइट एक्सपर्ट्स इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि लड़का कार्गो प्लेन तक पहुंचा कैसे और इतनी लंबी दूरी के सफर में उसके प्लेन में छिपे होने की जानकारी किसी को क्यों नहीं मिल पाई। यह कार्गो प्लेन ज्यादातर समय तक 38 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था। इतनी ऊंचाई पर ऑक्सीजन का स्तर बहुत कम हो जाता है और ऐसे में किसी का जिंदा रह पाना संभव नहीं रहता है। वहीं, प्लेन के लैंड करते वक्त जब उसके व्हील्स खुलते हैं, तो वहां छिपा व्यक्ति जमीन पर गिर कर मर भी सकता है। 

पहले दो बार मिल चुकी है लाश
पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। साल 2019 में केन्या एयरवेज (Kenya Airways) की एक फ्लाइट में ऐसी ही घटना हुई थी। जब यह फ्लाइट लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर पहुंची, तो वहां किसी ने एयरपोर्ट अथॉरिटी को फोन करके बताया था कि लैंडिंग गियर से कोई लटक रहा है। इसके पहले साल 1997 में नैरोबी से आ रही एक फ्लाइट में ऐसा ही हुआ था। इस एयरक्राफ्ट के अगले लैंडिंग पार्ट पर एक शख्स मिला था। यह फ्लाइट ब्रिटेन के गैटविक एयरपोर्ट पर लैंड हुई थी। दोनों मामलों में प्लेन के लैडिंग गियर पर बैठे लोगों की मौत हो गई थी।   

 

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