22 जनवरी को अयोध्या मंदिर में राल लला विराजमान होंगे। 20 जनवरी को पाकिस्तान की शक्तिपीठ के पवित्र जल अयोध्या आएगा। आगे जानिए कौन-सी है वो शक्तिपीठ और महत्व…
देवी सती के आत्मदाह करने के बाद महादेव उनके शव को लेकर घूमने लगे। तब विष्णुजी ने चक्र से सती के देह के टुकड़े कर दिए। जहां सती के अंग गिरे, वो स्थान शक्तिपीठ कहलाए।
हिंदू धर्म ग्रंथों में देवी के 52 शक्तिपीठों का वर्णन है। इनमें से कुछ अन्य देशों जैसे पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश में भी है। पाकिस्तान में हिंगलाज शक्तिपीठ स्थापित है।
मान्यता है कि हिंगलाज शक्तिपीठ में देवी सती का सिर गिरा था। भारत ही बल्कि अन्य देशों से भी लोग यहां दर्शन करने आते हैं। यहां हिंगलाज जयंती पर्व भी विशेष रूप से मनाते हैं।
हिंगलाज मंदिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान के हिंगोल नदी के तट पर स्थित है। हिंगलाज देवी को हिंगुला देवी भी कहते हैं। मुस्लिम भी यहां पूजा करते हैं, वे इसे नानी का हज कहते हैं।
हिंगलाज मंदिर एक छोटी प्राकृतिक गुफा में बना हुआ है। जहां एक मिट्टी की वेदी बनी हुई है। यहां एक छोटे आकार के शिला की हिंगलाज माता के रूप में पूजा की जाती है।
20 जनवरी, शनिवार को हिंगलाज मंदिर से पवित्र जल अयोध्या लाया जाएगा। इस जल से राम लला की की प्रतिमा का विशेष रूप से अभिषेक किया जाएगा।