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ब्लैक कलर की कार बाकी रंग की कारों की तुलना में ज्यादा हीट होती है। ब्लैक कलर गर्मी भी ज्यादा ऑब्जर्व करता है, जिससे इंटीरियर ज्यादा गर्म होता है।
काला रंग गर्मी को ज्यादा सोखता है, इसलिए जब कार धूप में ड्राइव की जाती है तो उसका केबिन ज्यादा हीट हो जाता है। इससे एसी को केबिन ठंडा करने में ज्यादा समय लगता है।
काले रंग की कार पर धूल-मिट्टी जल्दी जम जाती है, जिससे यह जल्दी-जल्दी गंदी होती है। इसकी वजह से साफ-सफाई भी जल्दी-जल्दी करनी पड़ती है, वरना कार भद्दी नजर आती है।
काले रंग की कार की कितनी भी सफाई कर लें, उस पर Swirl Marks रह ही जाते हैं, जो आसानी से नहीं जाते हैं और गंदे लगते हैं।
काले रंग की कार में हल्का सा भी स्क्रैच आसानी से दिखता है। जिससे कार का लुक खराब नजर आता है।
ब्लैक कलर की कार में कलर फेडिंग की समस्या ज्यादा होती है। धूप में ज्यादा देर खड़ी करने पर उसका रंग उड़ने लगता है और चमक भी फीकी पड़ती है। जिससे नई कार भी पुरानी लगने लगती है।
काले रंग की कारों की सबसे बड़ी समस्या विजिबिलिटी है। रात में इसका मूवमेंट सही तरह नजर नहीं आता है। ब्लैक कलर कम रोशनी रिफ्लेक्ट करता है। इससे एक्सीडेंट का खतरा ज्यादा रहता है।
यहां ब्लैक कलर की कार न खरीदने को नहीं कहा गया है, अगर आपको यह कार अच्छी लगती है तो ले सकते हैं। यहां सिर्फ इससे जुड़ी परेशानियां बताई गई हैं, जिसे जरूर जानना चाहिए।