म्यूचुअल फंड का रिटर्न बैंक एफडी या निवेश के पारंपरिक तरीकों से ज्यादा होता है। लॉन्ग टर्म मे एफडी से दोगुना-तीगुना तक रिटर्न मिलता है। पैसे बढ़ाने की इसकी खूबी खूब भाती है।
म्यूचुअल फंड को पॉपुलर बनाने में सबसे बड़ा योगदान एसआईपी का है। एक अनिश्चित अंतराल के बाद छोटी सी रकम जमा कर शेयर मार्केट से अच्छा रिटर्न पा सकते हैं।
म्यूचुअल फंड में पैसे लगा टैक्स भी बचा सकते हैं।इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स (ELSS) में पैसे पर इनकम टैक्स एक्ट में छूट मिलती है।बढिया रिटर्न पर ऐसी सुविधा इनफ्लो बढ़ा रहा
म्यूचुअल फंड में सबकुछ ओपन रहता है। फंड कैसे परफॉर्म कर रहा है, होल्डिंग्स कितनी है और खर्चों के नियमित अपडेट्स से निवेश में टांसपरेंसी आती है। इससे इनवेस्टर खिंचे चले आ रहे हैं।
म्यूचुअल फंड में निवेशकों के निवेश का फैसला प्रोफेशनल मैनेजर्स लेते हैं। जिनमें बाजार के उतार-चढ़ाव से लाभ उठाने की स्किल होती है, इसका फायदा इनवेस्टर्स को होता है।
म्यूचुअल फंड में कोई भी निवेश कर सकता है। सिर्फ 500 रुपए से निवेश की शुरुआत कर सकती है। नए और पुराने, दोनों निवेशकों के लिए इसमें पैसा लगाना बहुत आसान है
म्यूचुअल फंड में कई सीरीज में पैसा निवेश कर सकते हैं। अपनी जोखिम की क्षमता के अनुसार स्कीम चुन सकते हैं। इसी फ्लेक्सिबिलिटी के कारण लोग म्चूचुअल फंड की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
म्यूचुअल फंड में लिक्विडिटी ज्यादा होने से ओपन एंडेड फंड्स कभी भी यूनिट्स खरीदने-बेचने की फैसेलिटी देता है। मतलब जब चाहें अपना पैसा निकाल सकते हैं। इसलिए पसंदीदा निवेश बन रहा है।
म्यूचुअल फंड इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन का शानदार टूल है। इसमें अलग-अलग सीरीज की एसेट्स में निवेश करने से पोर्टफोलियो को नुकसान होने का चांस बेहद कम हो जाता है।
म्यूचुअल फंड का लॉन्ग टर्म शानदार रिटर्न देता है। इससे करोड़ों का वेल्थ तैयार किया जा सकता है। इसी ताकत की वजह से रिटेल यानी छोटे निवेशक इस पर फिदा हैं।