20 नवंबर को अमेरिकी कोर्ट में गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर फ्रॉड के आरोप लगे। इसमें उनके भतीजे सागर अडाणी भी शामिल हैं। इसके बाद अडाणी ग्रुप के शेयर 20% से ज्यादा टूटे हैं।
गौतम अडाणी का जन्म 24 जून 1962 को हुआ। कॉलेज ड्रॉपआउट बाद 1980 के दशक में मुंबई की डायमंड इंडस्ट्री में एंट्री ली। 1988 में छोटी सी एग्री ट्रेडिंग फर्म से अडाणी ग्रुप की शुरुआत की।
आज अडाणी ग्रुप कोल ट्रेडिंग, माइनिंग, लॉजिस्टिक्स, पावर जेनरेशन और डिस्ट्रीब्यूशन, ग्रीन एनर्जी, एयरपोर्ट्स, डेटा सेंटर्स और सीमेंट इंडस्ट्री में काम करती है।
गौतम अडाणी 2030 तक अपने ग्रुप को दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी प्रोड्यूसर बनाने का प्लान कर रहे हैं। इसके लिए 70 अरब डॉलर यानी 590,848 करोड़ निवेश का प्लान बनाया है।
1994 में अडानी ग्रुप के शेयर की लिस्टिंग 150 रुपए से BSE और NSE में हुई। 1995 में सिंगापुर विल्मर के साथ जॉइंट वेंचर की डील। 2001 में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन का बिजनेस शुरू किया।
2010 में ऑस्ट्रेलिया की कारमाइकल माइन का अधिग्रहण, 2017 में सोलर पैनल का निर्माण, 2018 में देश में फॉर्च्यून सबसे बड़ा FMCG ब्रांड बना, 2019 में अडाणी दुनिया के सबसे बड़े IRM बने।
2020 में अडाणी ग्रुप ने एयरपोर्ट बिजनेस में एंट्री ली। जनवरी 2023 में ग्रुप का पहला विवाद तब हुआ, जब हिंडनबर्ग रिसर्च ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे, इसके बाद शेयर काफी नीचे आ गए।
150 रुपए के शेयर से शुरुआत वाले अडानी ग्रुप का आज सबसे महंगा शेयर अडाणी एंटरप्राइजेज है, जिसकी कीमत 21 नवंबर 2024 को दोपहर 1 बजे तक 19% की गिरावट के साथ 2,283.05 रु है।