वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में नैनो डीएपी की घोषणा की है। किसानों को इसका फायदा मिलेगा। यह स्मार्ट तरीके से खेती करने में मददगार होगा। बदलते मौसम में भी इससे फायदे मिलेगा।
नैनो यूरिया की तरह ही नैनो DAP 'डाय-अमोनियम फॉस्फेट' (Di-Ammonium Phosphate) का लिक्विड फॉर्म है। अभी तक ये उर्वरक सूखे तौर परआता है, जिससे मिट्टी की सेहत प्रभावित हो सकती है।
यह एक फॉस्फेटिक यानी रसायनिक खाद ही है, जो पौधों में पोषण और उनके अंदर तक नाइट्रोजन और फास्फोरस की कमी को पूरा करने का काम करती है।
इस उर्वरक में 18% नाइट्रोजन और 46% फास्फोरस का इस्तेमाल होता है। इससे पौधों की जड़ों के विकास और उनके विभाजन में मदद मिलती है। यह उर्वरक भी फसल की उत्पादकता बढ़ाता है।
नैनो डीएपी लिक्विड फर्टिलाइजर को लेकर एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे उत्पादन और जड़ों की ग्रोथ पर काफी अच्छा असर पड़ता है और फसल अच्छी होती है।
अच्छी खेती के लिए उर्वरकों का इस्तेमाल बढ़ गया है। जिससे पर्यावरण प्रदूषण और मिट्टी की उपजाऊ शक्ति प्रभावित हो रही है। इसके समाधान के लिए नैनो तकनीक की जरूरत पड़ रही है।
ये उर्वरक लिक्विड यानी तरल हैं, जिनका छिड़काव पानी के साथ होता है। केंद्र सरकार नैनो डीएपी के साथ ही नैनो पोटाश, नैनो जिंक और नैनो कॉपर उर्वरकों पर काम करने को कहा है।