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इनकम टैक्स रिटर्न

इनकम टैक्स रिटर्न सैलरी पाने वाले कर्मचारी, सेल्फ एम्प्लॉयड प्रोफेशनल्स और कारोबारियों समेत आम व्यक्ति की ओर से भरा जाने वाला रिटर्न है। यह हर साल भरना होता है। 

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गुड्स ए़ंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) रिटर्न

जीएसटी में रजिस्टर्ड कारोबारियों को रेगुलर जीएसटी रिटर्न दाखिल करना होता है। जीएसटी रिटर्न में बिक्री, खरीद और इनपुट टैक्स क्रेडिट विवरण की रिपोर्टिंग शामिल है।

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कॉर्पोरेट टैक्स रिटर्न

कंपनी अधिनियम के अंर्तगत रजिस्टर्ड कंपनियों को कॉर्पोरेट टैक्स रिटर्न दाखिल करना होगा। अपनी इनकम और खर्च की डीटेल देनी होगी और उसके आधार पर इनकम टैक्स का पेमेंट करना होगा।

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पार्टनरशिप फर्म रिटर्न

भारत में पार्टनरशिप फर्मों को अपनी आय, कटौती और टैक्स लाइबिलिटी की रिपोर्ट देते हुए रिटर्न दाखिल करना जरूरी है।

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टैक्स या नॉन प्रोफिटेबल ऑर्गेनाइजेशन रिटर्न

ट्रस्ट या गैर-लाभकारी संगठन रिटर्न: धर्मार्थ ट्रस्ट और गैर-लाभकारी संगठनों को अपनी कर-मुक्त स्थिति बनाए रखने और अपनी आय और व्यय की रिपोर्ट करने के लिए रिटर्न दाखिल करना होता है।

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टीडीएस पर भी दाखिल होता है रिटर्न

ऐसी संस्थाएं जो दूसरों किए गए पेमेंट पर पेमेंय भुगतान पर टीडीएस काटती हैं। एमप्लायर, कारोबारी, सरकारी एजेंसियां को समय-समय पर टीडीएस रिटर्न भरना पड़ता है।  

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tax tcs

TCS का मतलब स्रोत पर टैक्स कलेक्शन से है. दोनों मामलों में रिटर्न फाइल करने की जरूरत होती है. यह साल भर में एक बार दाखिल किया जाता है।

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