सोने में निवेश के चक्कर में लोग चांदी, कॉपर, एल्युमिनियम, जिंक जैसी धातुओं को ज्यादा महत्व नहीं दे रहे हैं, जो सोने से कहीं कम नहीं हैं। इनमें निवेश भविष्य के लिए अच्छा हो सकता है।
वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल का कहना है कि चांदी, कॉपर, एल्युमिनियम और जिंक सोने से कहीं कम नहीं है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसको लेकर विचार शेयर किए हैं।
अनिल अग्रवाल ने कहा है कि चांदी, तांबा, एल्युमीनियम और जिंक जैसे धातुएं भी मिनरल हैं लेकिन सोना लोगों की पसंद बना हुआ है और इन चारों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
अनिल अग्रवाल का कहना है कि सोना अपने इंट्रिंसिक वैल्यू और ये चारों महत्वपूर्ण खनिज फंक्शनल वैल्यू के लिए जाने जाते हैं, जो सोने से कम नहीं हैं।
अनिल अग्रवाल ने बताया, फ्यूचर टेक्नोलॉजी सोलर पीवी सेल्स, बैटरियां और ईवी अन्य में ये चारों धातुएं काफी काम आएंगी। ये धातुएं AI से जुड़ी टेक्नोलॉजी या एनर्जी ट्रांसमिशन का आधार हैं
अनिल अग्रवाल ने बताया कि सोने की कीमतों में जिस तरह की तेजी कुछ समय में हुई है, वह ट्रेंड है। जिस तरह देश-दुनिया में घटनाएं चल रही हैं, ऐसे में निवेशक सोने में निवेश कर रहे हैं।
अनिल अग्रवाल ने तांबा-चांदी,, एल्युमिनियम और जिंक को ग्रीन मेटल बताया, जो पर्यावरण के अनुकुल है। उन्होंने कहा कि इन्हें रिसाइकिल कर सकते हैं, नई तकनीकी का काम इनके बिना नहीं चलेगा।