चीन की कठपुतली बने मालदीव ने भारत से पंगा लेकर कहीं न कहीं अपना ही नुकसान किया है। पिछले 4 महीनों में भारत से मालदीव जाने वाले टूरिस्ट की संख्या 40% तक कम हो गई है।
ये बात खुद मालदीव के पर्यटन मंत्रालय ने कही है। उनके मुताबिक, 2024 में जनवरी से अप्रैल तक भारत से 43,991 टूरिस्ट आए। वहीं 2023 में इसी अवधि में ये आंकड़ा 73,785 था।
यानी साल 2024 के सिर्फ 4 महीनों में ही भारत से मालदीव जाने वाले टूरिस्टों की संख्या में 40 प्रतिशत की कमी आ चुकी है। इस आंकड़े ने मालदीव की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
मालदीव के टूरिस्ट मिनिस्टर इब्राहिम फैसल ने कहा- हमारे देश की इकोनॉमी पूरी तरह टूरिज्म पर डिपेंड है। इसलिए आप लोग (भारतीय) ज्यादा से ज्यादा मालदीव आएं।
जनवरी, 2024 से ही मालदीव जाने वाले भारतीय टूरिस्ट की संख्या काफी कम हो गई है। इसकी सबसे बड़ी वजह वहां के नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी है।
जनवरी में PM मोदी ने लक्षद्वीप दौरे का एक वीडियो शेयर किया था। इसमें लक्षद्वीप की खूबसूरती मालदीव को टक्कर देती दिखी। इसके बाद मालदीव के नेताओं ने पीएम के खिलाफ गलत बयानबाजी की।
पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक बातों की वजह से भारत में #BoycottMaldives ट्रेंड हुआ। इसके बाद लोगों ने मालदीव न जाने का फैसला किया। साथ ही लक्ष्यद्वीप में टूरिस्ट बढ़ने लगे।
मालदीव ने अपने देश में मौजूद भारतीय सेना को देश छोड़ने के लिए भी कह दिया। बाद में 11 मार्च को 25 भारतीय सैनिकों के पहले समूह और 9 अप्रैल को दूसरे समूह ने मालदीव छोड़ दिया था।