एक्सपर्ट्स के अनुसार, कपल्स को अलग-अलग बैंक अकाउंट रखने चाहिए। इससे खर्च करना ज्यादा आसान होता है। यह पर्सनल ग्रोथ का हिस्सा भी होता है।
खर्च करने में आजादी मिलती है, पैसे की चिंता किए बिना किसी फैसले को लेने में मदद मिलती है, पार्टनर के बीच पैसों को लेकर कोई गलतफहमी नहीं होती है।
जब दो लोग किसी रिश्ते में होते हैं तो उनके खर्च करने की आदतें अलग हो सकती हैं। हो सकता है किसी को फिजूलखर्ची पसंद आता है। अलग-अलग अकाउंट होने से टकराव की स्थिति नहीं बनेगी।
जब कपल्स के अकाउंट अगल-अलग बैंक में होगा तो उनके बीच खर्चों को लेकर कोई सफाई नहीं देनी पड़ेगी और रिश्ते में पैसों को लेकर कड़वाहट या मनमुटाव नहीं होगा।
किसी वजह से अगर पार्टनर अलग होने का फैसला करते हैं तो पैसों की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में अलग अकाउंट से पैसों की जरूरतें पूरी होंगी। अलग होकर भी पार्टनर से पैसों को लेकर बहस नहीं होगी।
जब कपल्स जॉइंट बैंक अकाउंट रखते हैं तो कई बार एक ही सारे फाइनेंशियल काम देखता है। बिल भरने से लेकर लोन की EMI तक का काम। ऐसे में दूसरा पार्टनर पैसों को मैनेज करना नहीं सीख पाता है।
कपल्स के अलग-अलग बैंक अकाउंट होने से दोनों पैसों को संभालना सीख पाएंगे। किसी को दूसरे पर बहुत ज्यादा डिपेंड होने की जरूरत नहीं रहेगी और लाइफ में कई दिक्कतों से बच सकते हैं।