1 फरवरी को देश का अंतरिम बजट पेश होगा। लोकसभा चुनाव से पहले पेश हो रहे इस बजट से देश के हर वर्ग को काफी उम्मीदें हैं। ऐसे में 'पाप के टैक्स' के बढ़ने की भी चर्चाएं हैं।
पाप टैक्स यानी सिन टैक्स (Sin Tax) उन प्रोडक्ट्स पर लगाया जाता है, जिन्हें समाज के लिए हानिकारक माना जाता है। इसमें जुआ, तंबाकू और सिगरेट जैसी चीजें शामिल हैं।
सिन टैक्स लगाने के पीछे उद्देश्य सामाजिक तौर पर हानिकारक गतिविधियों में शामिल होने से रोकना है। ऐसे में इस तरह के हानिकारक उत्पादों को महंगा बनाकर खपत कम या खत्म करना है।
भारत में सिन टैक्स का दो उद्देश्य है। पहला-स्वास्थ्य के लिए हानिकारक चीजों को महंगा करना ताकि आदत छूट जाए। दूसरा- इन प्रोडक्ट्स को बनाने वाली कंपनियों पर ज्यादा टैक्स लगाना है।
दुनियाभर में सिन टैक्स लगाया जाता है। यूके, कनाडा, स्वीडन जैसे देशों में शराब, जुआ, लॉटरी जैसे उत्पादों और सेवाओं पर लगता है। इनसे सरकार को अच्छा-खासा राजस्व मिलता है।
भारत में सिगरेट पर 52.7 फीसदी, बीड़ी पर 22 फीसदी और स्मोकलेस तंबाकू पर 63 प्रतिशत का टैक्स सरकार लगाया करती है।