देश में इस बार नवंबर 2023 से लेकर जून 2024 तक करीब 38 लाख शादियां होंगी। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स का अनुमान है कि इन शादियों में करीब पौने चार लाख करोड़ रु. खर्च होंगे।
विदेशों में डेस्टिनेशन वेडिंग पर भारतीय कितना खर्च करते हैं इसका सही अनुमान लगाना मुश्किल है। हर साल करीब 5 हजार ऐसी शादियां विदेशों में होती हैं। जिस पर 50 हजार करोड़ खर्च होता है
एक्सपर्ट्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिंता को सही बताया है और कहा कि देश के अमीर विदेशों में डेस्टिनेशन शादियां करते हैं, जिससे भारत का बड़ा व्यापार विदेशों में चला जाता है।
देश के हर शहर में कई लग्जरी मैरिज लॉन बन गए हैं। इनका यूज डेस्टिनेशन वेडिंग के तौर पर हो रहा। देश में कई जगह बड़ी संख्या में डेस्टिनेशन शादियां होती हैं। इनमें गोवा, राजस्थान तक है
भारत में मध्यम से लेकर बड़े बजट तक डेस्टिनेशन वेडिंग का ऑप्शन मिलता है। शादी स्पेशल बनाने वाली कंपनियां और ग्रुप का नेटवर्क भारत में पिछले कुछ सालों में विकसित हुआ है।
भारत में होने वाली डेस्टिनेशन वेडिंग के मैनेज करने वाली कंपनियां यहीं से सामान उपलब्ध करवाती हैं, जो बड़ा व्यापार बन चुका है। डेस्टिनेशन वेडिंग में इन कंपनियों का बड़ा योगदान है।
हर साल शादियों के मामले में देश में अलग-अलग स्थानों पर डेस्टिनेशन वेडिंग अपनी भव्यता और अपनी विशेषताओं की वजह से चर्चा में रहती है। इसलिए इसे खास माना जाता है।
डेस्टिनेशन वेडिंग देश में होने से भारत का पैसा यहीं खर्च होगा। इससे भारतीय संस्कार दुनिया में पहुंचेगा और देश के व्यापार-र्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इससे रोजगार भी पैदा होगा।