किसी फाइनेंशियल प्रॉब्लम के चलते कार लोन की EMI नहीं चुका पाएं तो बैंक सख्त कदम उठा सकता है। गाड़ी रिकवर की जा सकती है। ऐसे में अपने अधिकार यूज करें।
पहली बार कार लोन की EMI न चुकाने पर बैंक पैसे वसूलने गाड़ी कब्जे में लेता है। EMI बाउंस होने पर रिमाइंडर कॉल्स भेजे जाते हैं, पेनॉल्टी का ऑप्शन देता है।
दूसरी बार लगातार EMI मिस करने पर बैंक से लेटर आता है। कॉल्स आते हैं। बैंक एजेंट घर आकर संपर्क कर सकते हैं। लोन डॉक्यूमेंट में गारंटर से संपर्क कर सकते हैं।
लगातार कार लोन की 3 EMI न चुकाने पर बैंक आपके केस को NPA में काउंट करता है। कार की रिकवरी की जाती है। एजेंट कागजी कार्रवाई के बाद कार उठा ले जाते हैं।
गाड़ी रिकवरी के बाद बैंक आपको एक महीने का वक्त देता है। इस दौरान आप 4 महीनों की EMI, पेनाल्टी और गाड़ी की पार्किंग का चार्ज चुकाकर वापस पा सकते हैं।
लोन न चुकाने पर कोई भी बैंक रिकवरी एजेंट जबरदस्ती कार नहीं ले जा सकता, बुरा बर्ताव नहीं कर सकता है। उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
जिसके ना पर कार लोन है या एग्रीमेंट में गारंटर के अलावा बैंक किसी भी व्यक्ति को आपकी फाइनेंशियल कंडीशन की जानकारी नहीं दे सकता है।
अगर आप कार लोन की EMI नहीं चुका पा रहे तो बैंक से संपर्क कर अफनी फाइनेंशियल कंडीशन बता सकते हैं, अतिरिक्त समय मांग सकते हैं।
यह बैंक का अधिकार है कि वह आपको लोन चुकाने का अतिरिक्त समय देगा या नहीं। अगर एक्स्ट्रा टाइम मिलता है तो ज्यादा ब्याज और पेनल्टी चुकानी पड़ सकती है।