चंद्रयान-3 को चंद्रमा की सतह पर सल्फर समेत अब तक 9 तत्व मिल चुके हैं। वहीं,अब चांद की सतह पर हाइड्रोजन की खोज चल रही है।
प्रज्ञान रोवर पर लगे LIBS यानी (Laser-Induced Breakdown Spectroscope) पेलोड ने हाल ही में कुछ ऑब्जर्वेशन भेजे हैं। इसके मुताबिक, चांद पर ऑक्सीजन मौजूद है।
चांद पर अब तक जो 9 तत्व मिले हैं उनमें सल्फर, एल्युमीनियम, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम, ऑक्सीजन, मैगनीज और सिलिकॉन शामिल हैं।
हालांकि, चांद की सतह पर जो ऑक्सीजन मिली है, ये अभी उस फॉर्म में नहीं है कि इससे सांस ली जा सके। ये फिलहाल ऑक्साइड फॉर्म में है।
चांद की सतह पर सल्फर का मिलना काफी अहम है, क्योंकि ये चंद्रमा पर एक अपेक्षाकृत दुर्लभ तत्व है। साउथ पोल पर इसकी मौजूदगी वॉटर आइस होने के संकेत दे रही है।
चंद्रमा की सतह पर वॉटर आइस मिलना भविष्य के चंद्र अभियानों और आने वाले समय में चांद पर मानव बस्ती बसाने की खोज में एक महत्वपूर्ण कारक है।
सल्फर आमतौर पर ज्वालामुखीय एक्टिविटी से पैदा होता है और चंद्रमा पर इसकी मौजूदगी उसके इतिहास और संरचना के बारे में स्टडी करने में काफी अहम साबित होगी।
फिलहाल, ISRO चांद की सतह पर हाइड्रोजन की मौजूदगी को लेकर जांच कर रहा है। अगर ये मिलता है तो भारत स्वच्छ ऊर्जा स्रोत के रूप में भारत के लिए एक बड़ी खोज होगी।