Hindi

दुनिया में हर जगह बढ़ रही भारतीय कामगारों की मांग, जानें मुख्य कारण

Hindi

दुनिया में भारतीय कामगारों की मांग

हाल ही में इजरायल और ताइवान में भारतीय कामगारों की मांग बढ़ी है। जिसके बाद सवाल उठ रहे कि आखिर भारतीयों की श्रम क्षेत्र में मांग क्यों बढ़ रही है। इसका क्या कारण हो सकता है।

Image credits: Freepik
Hindi

इजरायल-ताइवान में भारतीयों की डिमांड

इजराइल में युद्ध के हालात के बीच अचानक निर्माण क्षेत्र में काम करने वालों की कमी हो गई। जिसके बाद वहां भारतीय वर्कर्स को बुलाने की मांग हुई। ताइवान भारतीय कामगारों को लाना चाहता है

Image credits: Freepik
Hindi

ताइवान में कितने भारतीयों की मांग

ताइवान में फैक्ट्री, खेतों और अस्पतालों में काम करने के लिए करीब 1 लाख भारतीयों को नौकरी पर रखना चाहता है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत से उसकी बातचीत भी चल रही है।

Image credits: Freepik
Hindi

ताइवान-भारत का समझौता

कहा जा रहा है कि चीन के खतरे से निपटने ताइवान अपनी वर्कफोर्स की कमी को पूरा करने भारत के साथ एम्प्लॉयमेंट मोबिलिटी समझौता कर सकता है। बहुत जल्द इस पर बात भी बन सकती है।

Image credits: Freepik
Hindi

ताइवान में भारतीय कामगारों की सैलरी

ताइवान भारतीयों को वहां के स्थानीय की तरह ही सैलरी, बीमा और अन्य सुविधाएं देने का प्रस्ताव कर रहा है। भारतीय को स्वास्थ्य संबंधी प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया पर काम कर रहा है।

Image credits: Freepik
Hindi

दुनियाभर में भारतीय कामगारों की मांग

इजराइल-ताइवान ही नहीं जापान, फ्रांस, यूके, नीदरलैंड, ग्रीस, डेनमार्क और स्विट्जरलैंड में भारतीय कामगारों की भारी मांग है। इसको लेकर कई देशों की भारत सरकार से बातचीत चल रही है।

Image credits: Freepik
Hindi

क्यों बढ़ी भारतीय कामगारों की मांग

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, भारतीय श्रमिकों की मांग के पीछे स्थानीय या अंतरराष्ट्रीय राजनीति या भारतीय कामगारों के काम करने की कुशलता है, जिससे भारतीय इसके लिए पहली पसंद बन रहे हैं।

Image credits: Freepik
Hindi

भारतीय कामगारों की मांग बढ़ने का कारण

राजनीतिक दृष्टि से भारतीय चीन या किसी पड़ोसी अरब देशों के कामगारों की तुलना में ज्यादा अच्छे माने जाते हैं। ताइवान चीन से प्रतिद्वंदता के चलते भारतीयों को प्रॉयरिटी दे रहा।

Image credits: Freepik
Hindi

चीन और भारत के बीच टक्कर

दुनिया में श्रम शक्ति में भारत-चीन कड़े प्रतिद्वदी हमेशा से ही रहे हैं। कुछ समय पहले तक चीनी श्रमिक सबसे ज्यादा और कठिन मेहनत करने वाले माने जाते थे लेकिन अब भारतीयों आगे निकल गए।

Image credits: Freepik
Hindi

चीनी कामगारों की मांग कम क्यों

चीनी श्रम शक्ति को आज भी भारतीय श्रम शक्ति से बेहतर माना जाता है लेकिन अंतरारष्ट्रीय स्तर पर पश्चिमी देश चीन को प्रॉयरिटी देना बंद कर रहे।ऐसे में एशिया में भारतीयों की मांग बढ़ गई।

Image Credits: Freepik