इजराइल और हमास वॉर लगातार चल रहा है। 7 अक्टूबर को जिस तरह से हमास लड़ाकों ने इजराइल पर अटैक किया, उससे पूरी दुनिया गुस्से में है। इजराइल जवाब में गाजा पर हमले कर रहा है।
हमास का पूरा नाम इस्लामिक रेजिस्टेंस मूवमेंट है। शेख अहमद यानीन ने 1980 में इस आतंकी संगठन की स्थापना की थी। तब से यह इजराइल के खिलाफ लड़ रहा है।
आतंकी संगठन हमास की स्थापना को लेकर कहा जाता है कि इजराइल के खिलाफ उठे विद्रोह के आधार पर हमास की स्थापना हुई। 1988 में हमास ने फिलिस्तीन मुक्त कराने की घोषणा की थी।
हमास का कहना है कि वो फिलिस्तीनियों के हक में लड़ रहा है। इस्लाम का परचम बुलंद करना ही उसका मकसद है। संगठन के साथ आने वाले लोग फिलिस्तीनियों के लिए लड़ते हैं।
हमास अपने लड़ाकों को कितना पैसा देता है, इसकी कोई जानकारी कहीं नहीं है, हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, लड़ाकों की मौत के बाद वह उनके परिवार की मदद जरूर करता है।
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमास अपने लड़ाकों के मारे जाने के बाद उनके परिवार की मदद करता है। उन्हें आर्थिक सहायता संगठन द्वारा दी जाती है।
जब हमास के फाइटर मारे जाते हैं तो संगठन उनके परिवारवालों की मदद करता है। हालांकि, वह उन्हें कितनी भी आर्थिक सहायता दे सकता है। इसकी राशि पहले से तय नहीं होती है।