राजस्थान में भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री और दीया कुमारी व प्रेम चंद बैरवा डिप्टी सीएम बनाए गए हैं। दीया कुमारी जयपुर राजघराने से संबंध रखती हैं। लंदन से पढ़ाई के बाद राजनीति में आईं।
भारतीय संविधान में उप-मुख्यमंत्री जैसा कोई संवैधानिक पद नहीं है यानी किसी भी राज्य के लिए डिप्टी सीएम पद का जिक्र नहीं है।
उप-मुख्यमंत्री का पद सिर्फ राजनीतिक व्यवस्था है, ताकि राजनीतिक पार्टियां सभी धर्मों और जातियों को साध सकें। राज्य के मुख्यमंत्री की तरह डिप्टी सीएम के पास विशेष पावर नहीं होते हैं।
संविधान में उप-मुख्यमंत्री जैसा कोई पद नहीं इसलिए किसी भी विभाग की कोई भी फाइल डिप्टी सीएम से होकर मुख्यमंत्री तक नहीं पहुंचती। मतलब डिप्टी सीएम का पद सिर्फ प्रतीकात्मक होता है।
डिप्टी सीएम रैंक और भत्तों के मामले में कैबिनेट मंत्री के बराबर ही होता है। शपथ लेते समय भी उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं ले सकता है। उन्हें मंत्री के तौर पर शपथ लेनी पड़ती है।
उप-मुख्यमंत्री के पास कोई अलग से अधिकार या पावर नहीं होते हैं। वे सिर्फ वही विभाग देख सकते हैं, जो कैबिनेट में उन्हें सौंपा जाता है।
मुख्यमंत्री की तरह डिप्टी सीएम के पास कोई विशेष वित्तीय या प्रशासनिक पावर नहीं होती है। डिप्टी सीएम का कोई तय कार्यकाल भी नहीं होता है। राजनीतिक समीकरण बदलने पर हटाया जा सकता है।