5 साल में सोने में 18% और निफ्टी में सालाना करीब 15% का रिटर्न मिला है। हालांकि 1, 3, 10 या 15 साल के आंकड़ों में सोना निफ्टी से काफी पीछे छूट गया है। 7 साल का रिटर्न लगभग बराबर है
एंबिट ग्लोबल प्राइवेट क्लाइंट की CEO अमृता फरमाहन की रिपोर्ट में दावा है कि ग्लोबल लेवल पर सोना करीब 20% यानी 2,390 डॉलर प्रति औंस पर पहुंचा, जो कुछ महीने पहले 2,400 डॉलर पार था।
घरेलू मार्केट में अप्रैल की शुरुआत में सोने की कीमत प्रति 10 ग्राम 70,000 रुपए पार चली गई थी। MCX पर 75,000 रुपए के लेवल को पार करने की ओर भी थी। अभी करीब 73,000 रुपए है।
सोने में तेजी के कारण दुनिया के कई प्रमुख केंद्रीय बैंक सोना खरीदने में जुटे हैं। चीन, भारत, रूस भी इसमें शामिल है। सोने की स्वीकार्यता की वजह से इसे ग्लोबल करेंसी भी माना जाता है।
फरमाहन ने बताया कि अमेरिका और यूरोपीय संघ के बढ़ते कर्ज की वजह से सोने की डिमांड बढ़ रही है। इसलिए मुद्रा के अवमूल्यन की चिंता के बीच भी सोने में निवेश सेफ माना जा रहा है।
फरमाहन ने बताया कि सोने में तेजी के एक कारण ये भी है कि चीन में केंद्रीय बैंक और आम लोग खूब सोना खरीद रहे हैं। वहां रियल स्टेट और शेयर बाजार के खराब हालात कि वजह से सोने की मांग है